कोरोना महामारी को फैला कर चर्चा में आए तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के करीबी का भी दंगा कनेक्शन है।दरअसल मौलाना साद का एक बेहद करीबी अब्दुल अलीम जिस राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैजल फारूक के संपर्क में था उसे दिल्ली पुलिस ने दंगों को लेकर गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच की एसआईटी टीम अब्दुल अलीम से स्कूल के मालिक और मरकज के संबंधों को लेकर हाल में ही उससे कई सवाल पूछे। मौलाना साद से उसके रिश्ते के बारे में भी जानकारियां ली गई। अलीम से राजधानी स्कूल के मालिक की प्रॉपर्टी तथा उसके संबंधों को लेकर पूछताछ हुई।
पुलिस को कुछ ऐसे दस्तावेजी सबूत मिले हैं जिससे यह पता चलता है कि अब्दुल अलीम दंगों के समय राजधानी स्कूल के मालिक फैजल फारूक के संपर्क में था। दिल्ली पुलिस का कहना है दंगों में भूमिका पाए जाने पर मौलाना साद के करीबी अब्दुल अलीम की गिरफ्तारी की जा सकती है। वैसे दंगा मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैजल फारुक को जमानत दे रखी है। उस पर पुलिस का आरोप है कि फारुक उन 18 लोगों में शामिल रहा है, जिन लोगों ने 24 फरवरी को शिव विहार में दंगा भड़काने के साथ डीआरपी स्कूल में आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इन्हीं आरोपों के चलते एसआईटी ने फैजल फारुख को पकड़ा था। वह 8 मार्च से जेल में बंद था और इसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 3 जून को चार्जशीट पेश की थी।
पुलिस के अनुसार फैज़ल फारूक हिंसा के ठीक पहले PFI के कई नेताओं, पिंजरातोड़ ग्रुप, निज़ामुद्दीन मरकज़, जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी और देवबंद के कुछ धर्मगुरुओं के नियमित संपर्क में था। फैज़ल हिंसा के ठीक एक दिन पहले देवबंद गया था। उसके मोबाइल सीडीआर से इस बात के सबूत मिले हैं। इस बाबत डीआरपी स्कूल के मालिक और मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
चार्जशीट में उल्लेख है कि दंगाइयों ने राजधानी पब्लिक स्कूल की छत पर बड़े पैमाने पर तेजाब, ईंटें, पत्थर, पेट्रोल और बम इकट्ठे कर लिए थे और लोहे की बनी एक बड़ी गुलेल के सहारे लोगों पर इसे फेंक रहे थे। इस भारी गुलेल से देशी मिसाइल भी दागी गईं।
आरोप यह भी है कि राजधानी पब्लिक स्कूल की छत से डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल में उतरने के लिए रस्सियां डालीं गई थी। रस्सी के सहारे दंगाई नीचे उतरे और डीआरपी स्कूल में आग लगा दी। सैकड़ों की भीड़ स्कूल के कम्प्यूटर और सामान लूट लिया और बाद में इन लोगों ने पास ही एक दूसरी इमारत में भी आग लगा दी थी। इस घटना में ही मिठाई की दुकान पर काम करने वाले एक शख्स को जिंदा जला दिया गया था उस व्यक्ति का नाम दिलबर नेगी था। क्रमश….
Great courage by the author in bringing the truth of delhi riots.