दिल्ली दंगों के दौरान एक वीडियो की चर्चा सबसे ज़्यादा रही। उस वीडियो में शाहरुख़ पठान नामक दंगाई दिन-दहाड़े एक पुलिस वाले पर पिस्तौल तान रहा है। उनके पीछे भीड़ है जो लगातार पत्थर फेंक रही है। लड़का लाल शर्ट पहने एक पुलिस वाले पर पिस्तौल ताने अनाप-शनाप बक रहा है। इस दौरान वह गोलियां भी चलाता है और पुलिस वाला को घूरते हुए धमकाता भी है। जब तक वीडियो की पुष्टि नहीं हुई थी तब तक उसे सीएए समर्थक बता भगवा आतंक का चेहरा कहा जाने लगा था। NDTV पर रवीश कुमार ने अपने शो में बकायदा इसका हिंदू नाम भी घोषित कर दिया था। लेकिन सच्चाई सामने आते ही ‘कथित धर्मनिरपेक्ष’ लोगों की बोलती बंद हो गई थी।
दरअसल 24 फरवरी को सुबह 11 बजे दो गुट जाफराबाद -मौजपुर चौक पर आपस में भिड़ गए थे। एक गुट नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का समर्थन कर रहा था जबकि दूसरा विरोध में था। देखते ही देखते पत्थरबाजी तथा आगजनी होने लगी। माहौल अचानक हिंसा में तब्दील हो गया और दोनों गुटों की ओर से जमकर ईंट-पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की घटनाएं होने लगी लगी। इस हिंसा मे कई आम नागरिक तथा पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि विनोद सिंह नामक व्यक्ति की जान चली गई थी।
आरोप है कि इसी दौरान जब पथराव हो रहा था। तब घोंडा के अरविंद नगर निवासी शाहरुख पठान हवाई फायरिंग करते हुए वहां कुछ साथियों के साथ आ धमका था। मौके पर तैनात पुलिसकर्मी दीपक दहिया ने उसे जब रोकने का प्रयास किया तो उसने उस पर भी पिस्टल तान दी। यह पूरा मामला मीडिया के कैमरों में रिकॉर्ड हो गया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
इस प्रदर्शन को लेकर दो मामले दर्ज हुए थे इनमें एक विनोद सिंह की हत्या से जुड़ा है और दूसरा शाहरुख पठान द्वारा गोली चलाने का। दिल्ली पुलिस ने दोनों मामलों में शाहरुख पठान को आरोपी बनाया है। इनमें से एक जिसमें वह पिस्टल तान रहा है उसमें उसे मुख्य आरोपी बनाया गया है जबकि हत्या मामले में उसे दंगाई के तौर पर पेश किया गया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि शाहरुख पठान गोली चलाने के बाद मौके से फरार हो गया था और वह जालंधर, बरेली होते हुए उत्तर प्रदेश के शामली पहुंचा था, जहां से क्राइम ब्रांच नारकोटिक्स की टीम ने उसे 10 दिनों के भीतर धर दबोचा था। उसके कब्जे से कार समेत उस हथियार को भी बरामद किया गया जिससे उसने गोलियां चलाई थी।
उस समय हुई पूछताछ मेंं शाहरुख पठान ने बताया था कि वह एक ‘टिक टॉक स्टार’ है और उसका एल्बम भी आने वाला है। बॉडी बिल्डिंग का शौक पालने वाले शाहरुख पठान का अपाहिज पिता साबिर पठान ड्रग्स कारोबार के चलते जेल जा चुका था।
पूछताछ में शाहरुख ने बताया कि यह पिस्टल उसने शौकिया रखी थी। करीब दो साल पहले अपने घर में ही जुराब की फैक्ट्री में काम करने वाले एक नौकर से पिस्टल लिया था। पुलिस ने बताया कि यह पिस्टल बिहार के मुंगेर से मंगाई थी।
सूत्रों का दावा है कि आरोपी शाहरुख पठान ने क्राइम ब्रांच सेे हुई पूछताछ में बताया था कि उसका इरादा CAA कानून के समर्थन में सड़क पर उतरे लोगों खासकर, हिंदुओं को मारना था क्योंकि उसे ऐसा लगता है कि हिंदुओं ने इस कानून का समर्थन करके अच्छा नहीं किया है।
इस बाबत कड़कड़डूमा कोर्ट में 350 पेज की पहली चार्जशीट पेश करते हुए क्राइम ब्रांंच ने बताया कि घोंडा के अरविंद नगर निवासी इश्तियाक मलिक और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में उसे पनाह देने वाले कलीम अहमद को भी इस मामले में शाहरुख के साथ आरोपी बनाया गया है।
पुलिस का दावा है कि जाफराबाद में शाहरुख पठान ने तीन राउंड फायर किए थे, जबकि दो राउंड मौके पर गिर गए थे। हैरानी की बात यह है कि शाहरुख पठान नामक यह दंगाई अब जेल में बंद होने के बाद बाहर आने के लिए छटपटा रहा है। दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस पर बंदूक तानने बाले इस दंगाई को हाई कोर्ट ने भी जमानत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने उस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हिंसा के दौरान शाहरख की मंशा हीरो बनने की थी, ऐसे में अब उसे कानून का सामना करना होगा।
जस्टिस ने सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप कानून हाथ में लेते हैं और हीरो बनते हैं तो आपको कानून का सामना भी करना होगा। शाहरुख पठान ने अपने पिता की देखभाल के लिए जमानत मांगी थी। जब अपने पिता की देखभाल को लेकर जमानत मिलने का दांव नहीं चला तो उसने नए जमानत याचिका में दावा किया है कि जेल में बड़ी संख्या में कैदी हैं और वहां कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम बहुत अधिक है। इस वजह से उसे जमानत दी जाए लेकिन उसकी कोई भी चालाकी भरी दलील काम नहीं आई और वह अभी जेल में ही बंद है। क्रमशः…