राजधानी को दंगे की आग में झोंकने वाला आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि आरोप पत्र में ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 में आरोपी बनाया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि इस मामले की जांच अभी जारी है और जांच पूरी हो जाने के बाद पूरक आरोप पत्र बाद में दाखिल की जाएगी।
प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली दंगे के मुख्य कर्ताधर्ता माने जाने वाले ताहिर हुसैन के खिलाफ पिछले 11 मार्च को मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था और इस मामले में ताहिर हुसैन को 29 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय आरोपपत्र में कहा है कि जांच के दौरान पता चला कि ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये का धनशोधन किया है। दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को शेल व डमी कंपनी के माध्यम से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई।आरोपपत्र के अनुसार, दंगों की तैयारी जनवरी में ही कर ली गई थी और इस रकम को दंगों के लिए घातक हथियार जैसे पेट्रोल, तेजाब, पिस्तौल, गोली, तलवार व चाकू आदि खरीदने में खर्च किया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र मे दावा किया है कि इस मामले में ताहिर हुसैन का साथ अमित गुप्ता नामक व्यक्ति ने दिया।
जिसके नाम पर शैल कंपनी खोली गई और धन को इसमें स्थानान्तरित किया गया। आरोपपत्र में यह भी कहा गया कि ताहिर हुसैन की इस साजिश के कारण ही फरवरी में भड़के दंगों में 53 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि दो सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से ताहिर हुसैन के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान ले लिया है जबकि प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में ताहिर हुसैन के अलावा अमित गुप्ता को भी आरोपी बनाया है।
एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को 19 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि आरोप पत्र ED के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने दाखिल की थी और आरोप पत्र के अनुसार ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 में आरोपी बनाया है।
सुनवाई के दौरान ED की ओर से वकील नवीन कुमार माटा ने कहा कि ताहिर हुसैन को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया था । उन्होंने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश रचने का मामला है। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कई स्थानों पर छापा मारा जिसमें कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए।
इतना ही नहीं ताहिर हुसैन के पास से व्हाट्स ऐप चैट और फर्जी बिल बरामद किए गए थे। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि ताहिर हुसैन ने आपराधिक साजिश रचते हुए कई कंपनियों के खाते से पैसे ट्रांसफर किए और इन पैसों से अपराध को अंजाम दिया गया। इसमें कई लोगों की जान चली गई। कई परिवार बर्बाद हो गए जबकि करोड़ों की संपत्ति जलकर राख हो गई।
पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के अधिवक्ता केके मनन और रिजवान ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल परिस्थितियों का शिकार बना है और उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। ताहिर हुसैन को दंगों से संबंधित बहुत सारे मामलों में गिरफ्तार किया गया है जबकि एक व्यक्ति इतनी सारी जगह एक ही समय पर कैसे उपस्थित रह सकता है। बचाव पक्ष के वकीलों का कहना था कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्धेष के कारण फंसाया गया है।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी की तुष्टीकरण की राजनीति के तहत अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया । यह भी कहा कि भाजपा दिल्ली वासियों को न्याय दिलाने के लिए बराबर संघर्ष करती रही। दिल्ली दंगे का मास्टर माइंड पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन खान ही है। भाजपा के दबाव बनाने की वजह से उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दिल्ली के मुख्यमंत्री को देनी पड़ी। दिल्ली सरकार शुरू से ही ताहिर हुसैन को बचाने की पुरजोर कोशिश कर रही थी।गुप्ता ने कहा कि भाजपा के संघर्ष का परिणाम है कि टुकड़े- टुकड़े गैंग और उमर खालिद जैसे अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। दिल्ली सरकार इनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल करने का आदेश देने में आनाकानी कर रही थी।
आम आदमी पार्टी ने हमेशा से अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया है।उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन द्वारा करवाए गए दंगे ने अंकित शर्मा और रतनलाल जैसे होनहार युवाओं को उनके परिवारों से हमेशा के लिए छीन लिया। भाजपा तुष्टीकरण की राजनीति को दिल्ली में नहीं चलने देगी।
ज्ञात हो कि दिल्ली हिंसा में 53 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इसमें आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा भी शामिल हैं। दिल्ली हिंसा के मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व काउंसलर ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस की तरफ से मुख्य आरोपियों की लिस्ट में शामिल किया गया है।