उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे के मास्टरमाइंड और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन का राजनीतिक सफर लगभग पूरा हो गया है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने एक बयान जारी कर कहा कि दंगे के मुख्य आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन की सदस्यता खत्म कर दी गई है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन के कॉल डिटेल को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि यह खुलासा हो सके कि वह किन-किन लोगों से संपर्क में था और दंगों की साजिश में और कौन-कौन लोग शामिल थे।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस बावत 26 अगस्त को फैसला लिया गया। इससे पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में एक प्रस्ताव पास करके यह फैसला लिया गया। निगम का कहना है कि ताहिर हुसैन निगम की बैठकों में जनवरी माह से ही अनुपस्थित था जबकि इस दौरान जनवरी-फरवरी जून-जुलाई अगस्त महीने में निगम की 5 बैठकें हुई हैं। कोई भी बैठक में ताहिर हुसैन उपस्थित नहीं हुआ।
वैसे भी ताहिर हुसैन इन बैठकों में कैसे उपस्थित हो पाता जबकि उसे दंगों में लिप्त होने के कारण जेल भेजा जा चुका है? निगम का कहना है कि नगर निगम एक्ट के नियम 33(2) के मुताबिक निगम की तीन बैठकों में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने के कारण ताहिर हुसैन की सदस्यता खत्म कर दी गई है और इसकी सूचना उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजी गई है।
दरअसल निगम ने यह कार्रवाई भाजपा नेताओं के द्वारा इस बारे में आवाज उठाने पर की है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने बकायदा इसके लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन को पत्र लिखकर ताहिर हुसैन की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि क्योंकि दिल्ली दंगों के कई मामलों में दाखिल चार्जशीट में ताहिर हुसैन का नाम सामने आया है, अतः ऐसे आदमी को सदस्य बनाए रखना क्यों जरूरी है?
पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने कहा ताहिर हुसैन ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने की बात स्वीकार कर ली थी। पहले इसको लेकर ताहिर हुसैन और पूर्व पार्षद इशरत जहां के खिलाफ़ सदन में निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ था। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत उनको पद से हटा दिया गया।
सनद रहे हाल में ही दिल्ली की एक अदालत ने ताहिर हुसैन के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि ताहिर हुसैन के उकसावे पर मुस्लिम हिंसक हो गए और हिंदू समुदाय पर पथराव शुरू कर दिया था। अदालत ने फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए हिंदु मुस्लिम दंगों के दौरान खुफिया अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या से संबंधित मामले और दंगों को भड़काने में हुसैन की भूमिका के खिलाफ दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए यह टिप्पणी की थी।
इससे पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट टीम ने ताहिर हुसैन को इन दंगों के लिए मुख्य आरोपी बनाते हुए कहा कि यह पूरे मामले का मुख्य आरोपी तथा मास्टरमाइंड है और इसी के इशारे पर दंगाइयों ने खूनी खेल खेला था।
सांसद मनोज तिवारी ने सदस्यता रद्द किए जाने के सवाल पर कहा जिस तरह से दंगों के दौरान ईंट, पत्थर और दूसरे तरह के सामान का इस्तेमाल किया गया उससे लगता है कि यह एक-दो दिन में नहीं बल्कि पूरी तैयारी के साथ दंगा किया गया। ताहिर हुसैन के फोन डिटेल्स सार्वजनिक होने से कई और आरोपियों का चेहरा समाज के सामने आ सकेगा ।
सबसे हैरानी की बात यह है ताहिर हुसैन के जेल जाने के बाद आम आदमी पार्टी विक्टिम कार्ड खेलना चाह रही है । इस पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान ने ट्वीट करके दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल से गुजारिश की है कि वह ताहिर हुसैन के परिवार को सुरक्षा दे। उन्होंने ट्वीट करके आगे कहा कि ताहिर हुसैन के बच्चे आज मुझसे मिले और रोते हुए मुझसे कहा कि हमारा क्या क़ुसूर है? डर की वजह से आज हम अपने ही घर में नहीं रह पा रहे हैं, अकाउंट सीज़ होने की वजह से स्कूल की फ़ीस तक नहीं दे पा रहे। राज्यपाल साहब से मेरी गुज़ारिश है कि ताहिर हुसैन की फैमिली को सुरक्षा दी जाए।
इस पर जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने कहा दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपित और पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की पत्नी को टिकट देगी। ताहिर हुसैन को जेल में भी वीआईपी सुविधाएं देने की भी तैयारी है । जबकि केजरीवाल सरकार देशद्रोह के मामले में ताहिर हुसैन पर अब तक केस चलाने की अनुमति नहीं दी है.
कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि दंगे के दौरान ताहिर हुसैन लगातार अमानतुल्ला खान और संजय सिंह के संपर्क में था। अब केजरीवाल कुछ भी करके ताहिर हुसैन की चुप्पी खरीदना चाहता हैं। इसी मकसद से केजरीवाल का खास दूत अमानतुल्ला खान ताहिर हुसैन के परिवार से मिला। चर्चा है कि केजरीवाल ने ताहिर हुसैन की चुप्पी के बदले उसकी बीवी को चुनाव में टिकट देने का संदेश भिजवाया है।