अर्चना कुमारी। बच्चो को मोबाइल देने से परहेज करना चाहिए। खासकर किशोर हो रहे बच्चो पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। समय समय पर इसकी जांच करनी चाहिए। राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो ने कहा है इस मोबाइल के चलते गोंडा में किशोर उम्र के दो लड़कों ने एक पांच साल की बच्ची को हवस का शिकार बना दिया था क्योंकि दोनो मोबाइल पर पोर्न फिल्म देखा करते थे। स्कूल में दोनो आरोपियों ने पोर्न देखा और लंच ब्रेक में बच्ची के साथ घिनौना काम कर दिया था।
राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो कहता है मोबाइल पर अगर अच्छे कंटेंट हैं तो उससे कहीं ज्यादा अश्लील कंटेंट परोसे जाते हैं।किशोर यूजर्स ऐसे कंटेंट को अवश्य देखते हैं। ऐसे में ये अश्लील वीडियो, फोटो और ऑडियो बच्चों तक खुले आम पहुंच रहे हैं। ऐसी सामग्रियां किशोर उम्र के लोगों की विचार को दूषित कर देती है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कई वीडियो ऐसे होते हैं जो बहुत ही अश्लील होते हैं और वह पारिवारिक रिश्तों का ताना बाना नष्ट कर रहे हैं।
आप सोच सकते हैं कि ऐसे वीडियो को देखकर इंसान के दिमाग पर क्या असर पड़ता होगा। इनकी वजह से घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है। अपराध की संख्या लगातार बढ़ते ही जा रही है।ऐसे में किशोर पर नजर रखना बेहद जरूरी है। पहले भी अपराध ब्यूरो एक्स पर पोस्टर लगाया था। जिसके पोस्टर में लिखा था- हमारा समर्थन करें, गंदे वीडियो, भाभी देवर, नौकर मालकिन तमाम नजायज रिश्ते के वीडियो बनाकर समाज को दूषित कर रहे हैं।
सभ्य समाज में यह बंद होने चाहिए। इसके अलावा कैप्शन में लिखा- समाज हित में अपना अमूल्य सहयोग दें…सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में अश्लीलता परोसने वाले युट्यूबर, एंटरटेनमेंट चैनल और वेबसाइट शार्ट वीडियो के नाम पर सेमी पोर्न वीडियो बनाकर नाबालिग बच्चों पर विषैला प्रभाव डाल रहे हैं। राष्ट्रहित में इसे बैन करे।