इस्लामी आतंकियों ने धरती के स्वर्ग कश्मीर को नर्क बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। एक ऐसे ही नरक के जागीरदार को भारतीय सेना ने मार गिराया है। पेशे से तो यह डॉक्टर था लेकिन उसके ऊपर हिजबुल मुजाहिदीन की जम्मू व कश्मीर चीफ की जिम्मेदारी थी। डॉक्टर सैफुल्लाह नामक यह आतंकी पुलवामा के मलंगपुरा गांव का रहने वाला था और इसके परिवार में तीन भाई और एक बहन है । जबकि उसका पिता स्कूल टीचर है ।
दसवीं के बाद पुलवामा के इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा करने वाला कुख्यात सैफुल्लाह इसके बाद श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी से भी मेडिकल एक्विमेंट्स में डिप्लोमा किया। इस्लामी आतंक का चेहरा सैफुल्लाह बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहता था । इसके बाद हैल्थकेयर इक्विपमेंट्स के बारे में सीखा तो गांव में लोग उसे डॉक्टर कहने लगे । इसीलिए डॉक्टर सैफुल्लाह नाम पड़ गया।
शेर ए कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भी काम किया और मेडिकल इक्विपमेंट्स का टेक्नीशियन बन गया । इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर सरकार में तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फिरोज़ अहमद खान से सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस हासिल किए जाने के बाद उसका ब्रेनवाश हुआ और वह हार्डकोर आतंकी बन गया । इसके बाद काम में अच्छा होने के कारण घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के तबीयत खराब होने पर सैफुल्लाह उनका इलाज करने लगा । भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि डॉक्टर सैफुल्लाह 10 अगस्त 2014 में घर छोड़ कर हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ ।
बुरहान वानी के सोशल मीडिया अभियानों से कई युवा आकर्षित हुए । इनमें यह आतंकी डॉक्टर भी शामिल है। बाद में हिजबुल के चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने एक बयान जारी कर डॉक्टर सैफुल्लाह को घाटी में हिजबुल की कमान सौंपी थी। बताया जाता है कि पुलवामा के बेगपुरा में सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में मारे गए रियाज़ नायकू के मारे जाने के बाद हिजबुल मुजाहिदीन की कमान सैफुल्लाह को दी गई।
दरअसल जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना को उस वक्त एक और बड़ी कायमाबी मिली जब रविवार को हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ आपरेशनल कमांडर सैफुल्लाह उर्फ गाजी हैदर को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। सूचना यह मिली थी कि डॉक्टर आतंकी अपने साथियों के साथ श्रीनगर में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए आया था।
यहां के रंगरेथ क्षेत्र में रविवार दोपहर करीब 3 घंटे चली मुठभेड़ के दौरान सैफुल्लाह को ढेर कर दिया गया। वहीं एक संदिग्ध आतंकी को जिंदा भी पकड़ा गया । जिस समय मुठभेड़ चल रही थी, तब उपद्रवियों ने पथराव कर सैफुल्लाह को भगाने की कोशिश की। हालांकि वो बच नहीं सका। इससे पहले मई में रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद कश्मीर में सैफुल्लाह को हिजबुल की कमान सौंपी गई थी। सेना के अफसरों का कहना है कि सैफुल्लाह का मारा जाना कश्मीर में आतंक फैलाने वालों के लिए बहुत बड़ा झटका है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आठ अक्टूबर 2014 में हिजबुल में शामिल हुआ डॉ. सैफुल्लाह (Dr. Saifullah) 12वीं पास था और मेडिकल कोर्स करने के बाद 3 साल घायल आतंकवादियों का इलाज करता रहा। इससे उसे डॉ. सैफ का नाम मिला। हिजबुल के कश्मीर कमांडर रियाज नाइकू ने उसे आतंकी बनने के लिए प्रेरित किया था। वह नाइकू के साथ दक्षिण कश्मीर में सक्रिय हो गया।
पुलवामा के मलंगपोरा इलाके का Saifullah को हिजबुल के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के कहने पर चीफ कमांडर बनाया गया था। वह हथियार लूट, आईईडी हमले और सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए आतंकी हमलों की कई घटनाओं में शामिल था। जबकि यह आतंकी साल 2017 से सेना के रडार पर लगातार बना हुआ था।
सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर में आतंक के पर्याय रियाज नाइकू की मौत के बाद से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को गहरा झटका लगा । इसके बाद घाटी में आतंक की नई लहर पैदा करने के लिए हिजबुल ने नाइकू के उत्तराधिकारी की खोज तेज कर दी थी। हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सलाउद्दीन को जब सैफुल्लाह के बारे में जानकारी मिली तब उसे हिजबुल का नया कमांडर बना दिया गया । सशस्त्र बलों से मुठभेड़ में घायल हुए आतंकियों का इलाज करने पर सैफुल्लाह सबसे पहले चर्चा में आया था।
उससे पहले यह आतंकी दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था। रियाज़ नाइकू के मारे जाने के सदमे से जूझ रहे हिजबुल मुजाहिदीन ने सैफुल्लाह को आतंक की कमान जब दे दी तब इसकी खबर भारतीय सेना को भी हुई थी इसके बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों ने सैफुल्लाह की तलाश में अपनी अभियान तेज कर रखी थी। आतंकी सैफुल्लाह को भारतीय सेना ने राडार पर लेने के बाद यह पता किया कि इन दिनों वह दक्षिण कश्मीर में सक्रिय है और सैफुल्लाह ए++ श्रेणी का आतंकी बताया और उसे खतरनाक आतंकियों की लिस्ट में शामिल करते हुए खुलासा किया कि सैफुल्लाह कश्मीर के युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने की साज़िशों में लगा हुआ है ।
यह भी खुलासा हुआ कि सैफुल्लाह पुलवाला जिले के मलंगपोरा का रहने वाला है और बुरहान वानी के 12 आतंकियों की टोली का हिस्सा था। कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रमुख ऑपरेशन कमांडर डॉ. सैफुल्लाह को श्रीनगर के बाहरी इलाके रंगरेथ इलाके में मुठभेड़ में मार दिया गया जबकि एक संदिग्ध को भी गिरफ्तार किया गया , जिससे पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मई रेयाज नाइकू को मारने के बाद सुरक्षा बलों की इस साल की यह दूसरी बड़ी कामयाबी है। मुठभेड़ स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए, कश्मीर पुलिस प्रमुख ने कहा कि एक विशेष लीड के आधार पर, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों ने रंगरेथ क्षेत्र में घेराबंदी की और बाद में सेना भी ऑपरेशन में शामिल हो गई.
आईजीपी ने कहा, “मुझे इस बात का 95 फीसदी यकीन है कि मारा गया आतंकवादी हिज्बुल का प्रमुख ऑपरेशनल कमांडर डॉ. सैफुल्लाह है, जिसने इस साल मई में एक मुठभेड़ में अपने प्रमुख रेयाज नाइकू की हत्या के बाद हिज्बुल की बागडोर संभाल ली थी। हम इलाके में अब छानबीन कर रहे हैं और क्योंकि कुछ बचे हुए हथगोले या हथियार आदि यहां हो सकते हैं.” यह पूछे जाने पर कि सुरक्षा बलों के लिए डॉ. सैफुल्लाह की हत्या कितनी बड़ी उपलब्धि है,
उन्होंने कहा, “यह हिजबुल मुजाहिदीन संगठन का प्रमुख था और इसने रेयाज नाइकू की हत्या के बाद संगठन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. तो यह वास्तव में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है । जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि जम्मू और कश्मीर पुलिस ने इस साल 200 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया है।
यह जानकारी देते हुए जम्मू और कश्मीर के पुलिस अधीक्षक दिलबाग सिंह ने बताया कि हिज्बुल कमांडर डॉ. सैफुल्लाह के बारे में पिछले दो दिनों से सुरक्षाबल सैफुल्लाह की हर मूवमेंट पर नजर रख रहे थे। उन्होंने कहा मई में हिज्बुल कमांडर रियाज नाइकू का एनकाउंटर करने के बाद कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का नेतृत्व करने वाला कोई नहीं बचा था,
जिसके बाद सैफुल्लाह ने इसकी कमान संभाली, लेकिन आज इस मुठभेड़ मे सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद, हिज्बुल वापस से पहले जैसी है स्थिति में ही लौट आया है।सैफुल्लाह अक्टूबर 2014 से एक्टिव था और वह बुरहान वानी के साथ लंबे समय से जुड़ा हुआ था।
सैफुल्लाह उन 10 वांटेड स्थानीय आतंकवादी कमांडरों में शामिल था, जिसको कश्मीर में पनपते आतंकवाद के आइकॉन की तरह देखा जाता था । इस पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोलाबारूद समेत आपत्तिजनक सामग्री मिली हैं।