यदि किसी मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर एनआरआई का प्रोफाइल है तो उसे अवश्य चेक करें नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं। दरअसल, पुलिस ने शादी का झांसा देकर देशभर की 100 से अधिक महिलाओं से 25 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने के आरोप में दो नाइजीरियन समेत कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया ।
आरोपियों की पहचान लॉरेंस चिके नालुआ (30), अयोटुंडे ओकुंडे उर्फ एलेक्स (34) और दीपक दीक्षित (29) के रूप में हुई है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों के पास से छह बैंक डेबिट कार्ड, पांच स्वाइप मशीन, एक लैपटॉप और एक टैबलेट बरामद हुआ है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये 35 साल या उससे अधिक की उम्र की महिलाओं को अपने जाल में फंसाते थे।
इसके बाद आरोपी उनसे मोटी रकम ठगी कर लेते थे। इस तरह की ठगी की शिकायत एक महिला ने की थी ,जिसके बाद इस गैंग का पर्दाफाश किया गया । पीड़िता ने बताया कि शादी डॉट कॉम पर उसने अपनी शादी के लिए रजिस्ट्रेशन किया हुआ था। एक युवक ने खुद को एनआरआई बताकर संपर्क किया। इसके बाद दोनों एक दूसरे से चैट करने लगे। आरोपी ने उसे व्हाट्सएप कालिंग शुरू कर दी।
कुछ दिनों बाद आरोपी ने खुद को परेशान बताकर पीड़िता से रुपये मांगना शुरू कर दिया। पीड़िता मुथूट फाइनेंस पर अपने जेवरात रखकर लोन ले लिया और आरोपी को रकम बताए हुए खातों में ट्रांसफर कर दिए। आरोपी ने पीड़िता से करीब 15 लाख रुपए ठग ली । इसके बाद भी जब वह और रुपये मांगने लगा तो पीड़िता को शक हुआ। इसके बाद मामले को जानकारी पुलिस को दी गई ।
शिकायत मिलने पर जांच शुरू की गई और पता चला कि रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुई थी। बैंक खातों की जानकारी, उनके केवाईसी के जरिये पता चला कि आरोपियों ने करीब 30 से 35 खाते देश के अलग-अलग राज्यों में खोले हुए हैं। यह लोग बस उन खातों में रकम मंगाकर दिल्ली में अलग-अलग स्थानों से एटीएम के जरिये रकम निकाल लेते हैं।
कुछ जगहों पर स्वाइप मशीनों का इस्तेमाल भी किया जाता है। पुलिस ने लंबी चली जांच के बाद दोनों नाइजीरियन और एक दिल्ली निवासी नागरिक को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने देशभर की 100 से अधिक महिलाओं से 25 करोड़ रुपये ठगी की बात स्वीकार की। पुलिस को पता चला कि आरोपी एलेक्स और लॉरेंस ने ठगी के लिए अलग-अलग मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाई हुई थी।
यह लोग खुद को एनआरआई बताकर डॉक्टर या इंजीनियर बताते थे। कई बार खुद को बड़ा कारोबारी भी बताया जाता था। यह लोग ज्यादा उम्र वाली उन महिलाओं को निशाना बनाते थे जो या तो विधवा होती थीं या फिर उनकी शादी नहीं हुई थी। ठगी की ज्यादातर रकम आरोपी नाइजीरिया भेज दिया करते थे।
आरोपियों ने फर्जी पतों के आधार पर उत्तर-पूर्वी राज्यों, दक्षिण भारतीय राज्य के बैंकों में अपने खाते खुलवाए हुए थे। इन खातों में रकम ट्रांसफर करवाई जाती थी। बदले में दोनों को 10 फीसदी कमिशन देना होता था। दीपक दोनों नाइजीरियन नागरिकों को बैंक खाते और स्वाइप मशीन उपलब्ध करवाता था।