अर्चना कुमारी। सिंधु बॉर्डर एक बार फिर चर्चा में है और इस बार यहां पर एक व्यक्ति की बेहद नृशंस तरीके से हत्या की गई है। आरोप बॉर्डर पर अवैध तौर पर जमे किसान आंदोलनकारियों के वेश में निहंग लोगों पर लगा है लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर सिंघु बॉर्डर पर हुई हत्या की निंदा तो की लेकिन आरोपियों के बचाव में कहा कि मृतक ने गुरु ग्रंथ साहब जैसे पावन ग्रंथ की अनादर की कोशिश की थी। यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसान आंदोलन की आड़ में तालिबानी बर्बरता फैलाया गया। गणतंत्र दिवस के दिन लाल किला पर जो कुछ हुआ ।
वह देश और दुनिया जानती है। राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक तिरंगा को हटाकर निशान साहब का झंडा किस तरह खालिस्तानी समर्थकों ने लहरा दिया था जबकि पश्चिम बंगाल से इसी आंदोलन में भाग लेने आई एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई, बाद में युवती ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था ।
इतना ही नहीं केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध भड़काने के लिए किसान आंदोलन की आड़ में अराजक तत्वों ने अपने ही एक साथी को जिंदा तक जला दिया और पिछले दिनों तथाकथित किसानों की अराजकता के चलते ही लखीमपुर खीरी में 9 लोग मौत के शिकार बन गए । ताजा घटना जो सिंधु बॉर्डर पर हुई है, उसमें मृतक की पहचान पंजाब के तरनतारन के रहने वाले लखबीर सिंह के रूप में हुई है।
इस घटना के लिए एक निहंग ग्रुप ने जिम्मेदारी ली है, जिसके साथ ही मृतक आंदोलन स्थल पर काफी समय से मौजूद था। लेकिन मामले की जांच में जुटी सोनीपत पुलिस को भी समझ में नहीं आ रहा कि आखिर क्या हुआ जिसके चलते निहंग समूह ने इस व्यक्ति की हत्या कर दी । दरअसल, शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर 35 साल के शख्स की बेरहमी से हत्या का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें निहंग दावा कर रहे हैं कि इस शख्स को साजिश के तहत यहां भेजा गया था और उसने गुरु ग्रंथ साहब का अनादर किया था।
वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मृत शख्स ने यहां पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप की बेअदबी करने की कोशिश की और जैसे ही निहंगों को इसका पता चला तो उन्होंने शख्स को पकड़ लिया। इसके बाद घसीटते हुए निहंग शख्स का हाथ कलाई से काट दिया। इसके बाद पैर भी काटा गया और उसके साथ अन्य कई बर्बरता की गई।
मृतक लखबीर सिंह 6 महीने की उम्र से ही अपने फूफा हरमन सिंह के साथ रहता था, उसके फूफा ने उसे गोद ले लिया था। बताया जाता है कि दलित लखबीर सिंह पेशे से मजदूर था। उसकी उम्र 35-36 साल के बीच थी। जांच कार्रवाई में पता चला है कि लखबीर सिंह तरन-तारन जिले के चीमा खुर्द गांव का रहने वाला था। मृतक शादीशुदा था और उसकी तीन बेटियां हैं, लेकिन पत्नी उससे अलग रहती है।
जांच में यह बात सामने आई है कि लखबीर सिंह काफी दिनों से सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में ही रह रहा था और वह घोड़ों की देखभाल करने का काम कर रहा था जबकि ऐसा भी बताया जा रहा है कि ये युवक निहंगों के जत्थे के साथ ही रह रहा था। सोनीपत पुलिस का कहना है कि मृतक लखबीर सिंह के माता पिता पहले ही मर चुके हैं जबकि उसकी एक बहन है राज कौर ।
इसके अलावा लखबीर की पत्नी जसप्रीत कौर उसके साथ नहीं रहती थी लेकिन जसप्रीत के साथ ही तीनों बेटियां भी रहती है जिसके नाम कुलदीप कौर 8 साल, सोनिया 10 साल और तानिया 12 साल है। हरियाणा पुलिस का कहना है कि लखबीर का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, ना ही किसी राजनीतिक दल से वह जुड़ा हुआ है लेकिन निर्मम तरीके से उसकी हत्या कर दी गई।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस तरह की निर्मम तरीके से हुई हत्या तालिबानी हुकूमत की याद दिलाता है। जबकि इस घटना को लीपापोती भी जल्द शुरू हो गई और किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल और गुरनाम सिंह चढूनी की ओर से जारी किए इस बयान में कहा गया है कि किसी भी कानून सम्मत कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा लेकिन इन लोगों की जुबान निहंग लोगों के खिलाफ अब तक नहीं खुली ।
एक तथाकथित किसान नेता का तो यह कहना था ,जो कुछ भी हुआ उसका हमें कोई अफसोस नहीं है हमें अगर अफसोस है तो सिर्फ कि गुरु ग्रंथ साहब का अपमान किया गया। पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस घटना को लेकर खालिस्तान समर्थक निहंग समूह का नाम सामने आ रहा है और पिछले काफी समय से आंदोलन स्थल पर खालिस्तानी नेता भिंडरावाले, जगतार सिंह हवारा जैसे अन्य खालिस्तानी समर्थकों के चेले यहां पर डेरा जमाए हुए हैं और यह करतूत इन्हीं लोगों का है ताकि देश का माहौल खराब हो जाए। ऐसे लोग आंदोलन स्थल पर अक्सर आपत्तिजनक पोस्टर,बैनर,साहित्य भी बांटते नजर आते हैं।
फिलहाल मामले की जांच में जुटी सोनीपत पुलिस अब तक साजिश की गुत्थी और इन से जुड़े मुख्य आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है हालांकि कुछ लोगों को हिरासत में लेकर अवश्य उससे पूछताछ की जा रही है। इस बीच दावा किया गया है कि सिंघु बॉर्डर पर युवक की हत्या के मामले में दो लोगों को पकड़ा गया हालांकि बताया जाता है कि सिर्फ एक आरोपी सरबजीत सिंह ने समर्पण किया है।आरोपी सरबजीत ने कबूल किया है कि उसी ने युवक की कलाई और पैर काटे थे और उसके शव को टांग दिया था। लेकिन अन्य आरोपी कौन-कौन थे, और किस वजह से यह बर्बरता की गई इस बाबत जांच जारी है।