आईएसडी नेटवर्क। देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के निधन के बाद देशभर में की जा रही अमर्यादित टिप्पणियों से कई लोग आहत हुए हैं। आहत होने वाले लोगों में एक नाम मलयाली फिल्म निर्देशक अली अकबर का भी है। रावत पर की जा रही टिप्पणियों से वे इतने आहत हुए हैं कि उन्होंने इस्लाम छोड़ने की घोषणा कर डाली।
8 दिसंबर को जैसे ही रावत के निधन का समाचार देश में प्रसारित हुआ, एक वर्ग विशेष ने सोशल मीडिया पर उनके निधन का जश्न मनाना शुरु कर दिया। देशभर में मनाए इस जश्न को देखकर अली अकबर बहुत आहत हुए और उन्होंने इसके विरोध में इस्लाम त्यागने का निर्णय ले लिया। ऐसे समाचार सोशल मीडिया में आ रहे हैं कि अली अकबर ने हिन्दू धर्म अपना लिया है।
अली अकबर ने इस्लाम त्याग कर अपना नाम बदलने की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार सन 1947 में अली अकबर और उनके परिवार पर विधर्मियों ने प्राणघातक हमला किया था। इसके पहले अली अकबर का नाम रामसिंहम हुआ करता था। उनके भाई दयासिंहम, पत्नी कमला और रसोइये राजू अय्यर की जेहादियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। ये घटना देश को स्वतंत्रता मिलने से दो सप्ताह पूर्व हुई थी।
इसके बाद रामसिंहम ने इस्लाम ग्रहण कर लिया और अली अकबर नाम रख लिया। रामसिंहम ने बताया कि पत्नी से चर्चा करने के बाद उन्होंने इस्लामिक चोला उतार फेंकने का निर्णय ले लिया। अब उन्होंने अपना नाम राम सिंह रखा है। राम सिंह अपने फेसबुक पेज पर काफी समय से कट्टर इस्लाम का विरोध करते रहे हैं। 8 दिसंबर को उन्होंने रावत के निधन के बाद एक के बाद एक कई पोस्ट किये थे।
इस दिन की उनकी आखिरी पोस्ट पर बहुत से कमेंट आए हैं। कई लोग उनके इस निर्णय पर बधाई दे रहे हैं और एक विशेष समुदाय के लोग लगातार आपत्तिजनक कमेंट कर रहे हैं। राम सिंह ने कहा है कि आगे से उनका और उनके परिवार का इस्लाम से कोई संबंध नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार बिपिन रावत के निधन के बाद राम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक वीडियो शूट किया था। बाद में फेसबुक ने उस पर आपत्ति लेते हुए उनके अकाउंट को एक माह के लिए सस्पेंड कर दिया था। इस्लाम छोड़ने की घोषणा उन्होंने अपने दूसरे फेसबुक अकाउंट से की थी।