विपुल विजय रेगे। फिल्म उद्योग में मार्केट वैल्यू का सबसे अधिक महत्व होता है। यदि किसी सितारे की मार्केट वैल्यू ख़त्म होती है तो सबसे पहला असर उसके अनुबंधों पर होता है। निर्माता साइन करने से कतराने लगते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो ऐसे सितारे फिल्म उद्योग के लिए बुझे हुए कारतूस हो जाते हैं। हालांकि बॉलीवुड में ‘बुझे कारतूसों’ का भी अपना महत्व होता है। जबसे मोदी सरकार ने शपथ ली है, इन बुझे कारतूसों को विरोध प्रदर्शन का दिहाड़ी काम मिलने लगा है।

करीना कपूर, सोनम कपूर, गुल पनाग, कल्कि कोचलिन, ट्विंकल खन्ना, किरण राव, स्वरा भास्कर की मार्केट वैल्यू क्या है? आज की तारीख में ये बी ग्रेड के कलाकार हो चुके हैं। इन्हे न फिल्मे मिलती है और न विज्ञापन के अनुबंध। कठुआ में आठ साल की बच्ची की हत्या के बाद ये कलाकार फिर सक्रिय हुए और इतना घृणित विरोध किया कि देश की जनता के मन से ये उतर गए। इन्हे हिन्दू होने पर शर्म आने लगी है। सत्य यही है कि बेरोजगारी और घटती लोकप्रियता को समेटने के लिए ये कलाकार ऐसा कृत्य कर रहे हैं। यदि देश की बेटियों के लिए इनके मन में वाकई ऐसी भावना होती तो ये लोग बिहार के सासाराम में हुए बलात्कार पर भी तख्ती लगाकर प्रदर्शन करते।

कटुआ मामले में इन कलाकारों के विरोध का स्तर इतना घृणित रहा कि इनकी बातों से सहमत होने के बजाय जनता ने इनका ही विरोध करना शुरू कर दिया। वामपंथी ब्रिगेड के लिए काम करते ये कलाकार क्या इतना भी नहीं जानते कि कठुआ मामला अभी जांच से गुजर रहा है। क्या इन्हे नहीं मालूम कि आरोपी को न्यायालय के निर्णय से पहले दोषी साबित नहीं किया जा सकता। करीना कपूर जैसे कलाकार अदालत से दोषी साबित सलमान खान के लिए सड़क पर उतर आते हैं लेकिन उनके मन में ये ख्याल नहीं आता कि जिस सितारे का वे समर्थन कर रहे हैं, वह आदतन अपराधी है।
कल्कि कोचलिन जैसी कलाकार, जिसे कोई निर्देशक काम नहीं देता, वह इस ब्रिगेड का हिस्सा बनी हुई है। गुल पनाग के बारे में सभी जानते हैं कि वे एक राजनीतिक दल से जुड़ी हुई हैं। ट्विंकल खन्ना के बारे में सभी जानते हैं कि वे ट्विटर पर देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ कितने भद्दे कमेंट करती हैं। स्वरा भास्कर का फिल्म पद्मावत के समय दिया गया गंदा बयान सभी ने सुना था। ऐसे लोग एक आठ साल की मासूम के लिए नकली आंसू बहा रहे हैं। पूरा देश जान रहा है कि वामपंथी गिरोह की बंदूक बॉलीवुड के कंधे पर रखकर चलाई जा रही है। आसिफा से उनको कोई मतलब नहीं है, उनका निशाना तो देश में अच्छा काम कर रही सरकार है।

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