महाराष्ट्र की सोनिया सरकार ने अभी हाल में ही अदानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ 5 हजार करोड़ का एग्रीमेंट साइन किया है, लेकिन सड़क पर मोदी सरकार के खिलाफ अडानी-अंबानी का नारा शरद पवार-राहुल गांधी-कम्युनिस्टों के नेतृत्व में सारी विपक्षी पार्टियां और तथाकथित किसान व अधूरी जानकारी वाले उनके समर्थक/पत्रकार लगा रहे हैं! कितने पाखंडी हैं ये लोग?
2019 में पंजाब की कांग्रेस सरकार ने विदेशी कंपनी पेप्सी को कांट्रेक्ट फार्मिंग की न केवल इजाजत दी, बल्कि किसानों और पेप्सी प्रतिनिधियों को बैठाकर इसे मूर्त्त रूप दिया, लेकिन स्वदेशी कंपनी जियो, और रिलायंस के मॉल को घेरा जा रहा है। यह स्वदेशी कारपोरेट के विरुद्ध विदेशी कारपोरेट को बढ़ाने का खेल नहीं लग रहा है?
यह सारा व्यूह देश के विपक्ष और उनके विदेशी साथियों द्वारा प्रायोजित, भारत के सुधारों को रोकने वाला, विदेशी कारपोरेट के पक्ष में स्वदेशी कारपोरेट के विरुद्ध और मोदी सरकार के खिलाफ सड़क पर अराजकता पैदा करने के लिए है।
अफसोस यह है कि पर्दे के पीछे कुछ और जनता के सामने कुछ और के इस खेल को सरकार और पार्टी के प्रवक्ता पोलिटिकल करेक्ट होने के चक्कर में ढंग से उजागर नहीं कर पा रहे हैं, जिससे विपक्ष व उसकी मीडिया और ज्यादा भ्रम पैदा करने में सफल हो रही हैं।