अर्चना कुमारी। नागरिक कानून के विरोध में शाहीन बाग में बैठे कथित प्रदर्शनकारियों को करोना फैलते ही सड़कों से हटा लिया था लेकिन करोना कि दूसरी लहर आकर चली गई और सिंघु बॉर्डर पर तथाकथित किसान अभी भी जमे हुए हैं। किसानोंं के नेता कहे जाने वाले राकेश टिकैत दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर लंगर लगाकर देश भर में घूम-घूम कर लस्सी और छाछ पी रहे है और उनके सरपरस्ती में गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक लाल किला पर तोड़फोड़ तो हुई ही अब तथाकथित आंदोलन में आए लोग पुलिस कर्मियों को पीटने से भी बाज नहीं आ रहे हैं ।
धरना स्थल पर बलात्कार से लेकर लूटपाट और अन्य कई अपराधिक घटनाएं हो चुकी है लेकिन कथित आंदोलनकारी मौके से उठने के लिए तैयार नहीं है। बताया जाता है कि इस बार किसान आंदोलन में दिल्ली पुलिस के दो पुलिस कर्मियों को कथित आंदोलन की फोटो और वीडियो बनाने पर पीटा गया । उनके साथ गली गलौच कर जान से मारने की धमकी देकर दोनों कर्मियों की खूब पिटाई की गई ।
बवाल यहीं नहीं थमा और उनकी वर्दी को पकड़कर जबरन एक कैम्प में ले जाया गया,जहां पर उनसे बदसलूकी की गई तथा पुलिसकर्मियों से इस तरह से पूछताछ की गई जैसे वो कोई अपराधी, गैंगस्टर या बदमाश हो । गनीमत यह रही कि किसी तरह से नरेला पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पुलिस कर्मियों को किसानों के शिकंजे से छुड़वाया और अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बाद में दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मारपीट और सरकारी काम मे बाधा डालने मारने आदि धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि घायल पुलिसकर्मियों की पहचान रमेश और चंद्र सिंह के रूप में हुई है। जांच कार्रवाई में पता चला है कि दोनो बाहरी उत्तरी जिले के स्पेशल ब्रांच में बतौर एएसआई तैनात हैं। दोनों की सिंघु बॉर्डर पर सुबह 8 से रात 8 बजे तक कि ड्यूटी है। घटना के दिन बृहस्पतिवार को दोनों किसान आंदोलन में तैनात थे। एएसआई रमेश ने अपने दिए बयान में बताया कि शाम साढ़े तीन बजे एक जत्था पानीपत से दिल्ली आ रहा था।
ड्यूटी पर आने के दौरान उसको देखने के लिये बॉर्डर के नाले के बगल वाले रास्ते से क्रॉस करके कुंडली की तरफ, जहां संयुक्त किसान मोर्चा के पंडाल लगा हुआ है। वहां पर देखने के लिये मौके पर गए थे। वहां पर वह पंडाल की फोटो खींच रहे थे। इस दौरान उसके पास एक महिला दो से तीन आदमियों को लेकर आई। मौके पर आते ही महिला ने बोला तुम क्यों यहां की फोटो खींच रहे हो। यहां पर कैसे आये हो।
वह महिला बोल पड़ी तुम कोई जासूस लग रहे हो। हमारे फोटो वीडियो खींच रहे हो। उनको बातों में लगाकर वह साथी चंद्र सिंह के साथ दिल्ली की तरफ वापस चलने लगा। इस दौरान महिला उनके पीछे साथियों के साथ आने लगी। महिला को अन्य लोग शमीम चौधरी के नाम से बुला रहे थे। जब दोनों नरेला-सिंघु बॉर्डर नाले के ऊपर पहुंचे, कुछ और भी महिलाएं और पुरुष उन लोगों के साथ शामिल हो गए। वहीं पर दोनों को घेर लिया गया। दोनों के साथ गाली गलौच करने लगे। मामला बढ़ता देखकर दोनों ने उनको अपना दिल्ली पुलिस का पहचान पत्र दिखाया।
महिला बोली ये दोनों सरकार के जासूस हैं। जिनको सबक सिखाना चाहिए। एक लड़के ने उनको जान से मारने की धमकी दी। इस बीच अचानक सभी ने उनको घेरकर मारना शुरू कर दिया। वह वहां से बचकर भागने की कोशिश भी की थी। लेकिन वह सफल नही हो पाए। दोनों को जबरन पकड़कर पंढर कैम्प में ले गए। यहां पर भी पूछताछ की गई।
जिसके बाद एसएचओ नरेला को मामले की जानकारी दी गई। जिन्होंने मौके पर पहुंचकर दोनों को साथ ले गए। दोनों को महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने दोनो को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी। इस घटना के बाद से पुलिस कर्मियों में काफी गहरा रोष है और उन्होंने पुलिस प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है