
राम के नाम पर बनने वाली फिल्म के शोध और पैसों के स्त्रोत की विस्तृत जांच आवश्यक
ये देखना कितना आश्चर्यजनक है कि कल तक अपनी एक बेहूदा फिल्म में राम के नाम पर अश्लील मज़ाक करने वाले अक्षय कुमार बुरा समय आने पर उन्ही श्री राम की शरण में आ गए हैं। अक्षय कुमार ने दीपावली के अवसर पर नई फिल्म की घोषणा की है। इस फिल्म का शीर्षक ‘राम-सेतु‘ रखा गया है।
लगता है अक्षय कुमार गर्त में जा चुकी अपनी छवि को लेकर बहुत सजग हैं। उनकी हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘लक्ष्मी’ का दर्शकों ने बुरा हाल किया है। इतना बुरा कि उन्हें बैलेंस करने के लिए बजट में से उस भारी-भरकम फीस को छुपाना पड़ा, जो करोड़ों में थी।
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फिर उन्होंने बताया कि एक कम बजट की फिल्म को दर्शकों ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया है। मैंने पहले एक बात कही थी कि एक कानून ऐसा बने, जिसके लागू होने के बाद पौराणिक कथाओं और नायकों पर फिल्म बनाने से पहले सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक कर दिया जाए।
फिल्म के लिए पर्याप्त शोध दिखाने के बाद ही फिल्म बनाने की इज़ाज़त दी जाए। मैंने पहले एक बात और कही थी कि यदि फिल्म उद्योग को रोका न गया तो इनके हाथ एक दिन हमारे पौराणिक नायकों तक अवश्य पहुंचेंगे। सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के सुस्त कार्यकाल में वह दिन आ भी गया।
अक्षय कुमार ने अपनी इस फिल्म का पोस्टर जारी किया है। पोस्टर पर लिखा है ‘ सच या कल्पना’। क्या विश्व का हिन्दू ये बात दिमाग में भी ला सकता है कि रामसेतु काल्पनिक हो सकता है। क्या अक्षय कुमार ने इस फिल्म की घोषणा करने से पूर्व जाने का प्रयास किया कि राम सेतु पर देश-विदेश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ सैकड़ों शोध हो चुके हैं।
पद्मावती, पानीपत जैसी फिल्मों के जरिये हमारे इतिहास को दूषित करने का घृणित प्रयास भुलाया जा सकेगा? राम सेतु इतना बड़ा विषय है कि अक्षय कुमार के निर्देशक अभिषेक शर्मा को दो -तीन साल के सघन शोध से गुज़रना होगा। तब कहीं जाकर एक सशक्त स्क्रीनप्ले तैयार हो सकेगा।
और फिर उस बिगड़ी हुई छवि का अक्षय कुमार क्या करेंगे। उनको ये तो मालूम हो गया होगा कि कल्पना या सच लिखने से दर्शक कितने चिढ़ गए हैं। वे इन दिनों एक तरह का टेस्ट भी करते हैं। पहले फिल्म का नाम लक्ष्मी बम रखते हैं। विरोध होने के बाद ये सोचकर उसमे से ‘बम’ निकाल देते हैं कि दर्शक झांसे में आ जाएगा।
जब फिल्म प्रदर्शित होती है तो पता चलता है कि ये हिन्दू समाज का नकारात्मक चित्रण पेश करती है। क्या अक्षय ऐसा ही राम-सेतु के साथ नहीं करेंगे। विरोध होता देख वे कल्पना और सच वाली टैगलाइन हटा देंगे। राम के नाम पर बनने वाली फिल्म के प्रोडक्शन, उस पर होने वाले शोध और इस फिल्म में लगने वाले पैसों के स्त्रोत की विस्तृत जांच आवश्यक हो गई है।
हम ठीक-ठीक नहीं कह सकते कि फिल्म में राम-सेतु को लेकर क्या प्रस्तुत किया जाने वाला है। अक्षय कुमार के इस आगामी प्रोजेक्ट की जाँच केंद्र सरकार को करनी चाहिए, क्योंकि मामला श्री राम का है और इस फिल्म को बनाने वाला वह व्यक्ति है, जो पंजाब में मनाई जाने वाले लोहिड़ी पर्व को राम से जोड़कर अश्लील मज़ाक कर चुका है। भगवान राम ही अब प्रकाश जावड़ेकर को सद्बुद्धि दें।
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again Axay Kumar is digging his grave with a pen by questioning the reality of Ram Setu
we are ready to roast him.