
अदालत में एनिमेशन के जरिए दंगों का फिल्मांकन!
Archana Kumari. दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में पुलिस ने जो आरोप पत्र दाखिल किया है वह हाईटेक है और एनिमेशन के जरिए दंगे का फिल्मांकन किया गया । कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताव रावत इस अतिरिक्त तीसरे आरोप पत्र पर 1 मार्च को सुनवाई करेंगे।
इस बीच सरजील इमाम का जेल में रहना 12 मार्च तक सुनिश्चित कर दिया गया है। दिल्ली दंगे की साजिश के पीछे का सच उजागर करने के लिए तीसरा आरोप पत्र कई मायनों में विशेष माना गया है।
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पहली बार इस तरह की हाईटेक आरोप पत्र से कोर्ट को अवगत कराया गया । इस आरोप पत्र में एनिमेशन से पूरा घटनाक्रम फिल्माकर कोर्ट को दिखाया गया। जिसमें तकनीकी संसाधन के साथ-साथ आधुनिक तरीके से मामले की तफ्तीश को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।
इस हाईटेक आरोपपत्र में उन तमाम सबूतों के साथ फारेंसिक नमूनों के बारे में कोर्ट को अवगत कराया गया । साथ ही उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा ,सोनिया विहार और खजूरी खास तथा अन्य इलाके में हुई हिंसा और आगजनी के हाईटेक एनिमेशन के जरिए वीडियो को दर्शा कर आरोप पत्र के बारे में अदालत को जानकारी दी गई।
दिल्ली पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिल्ली हिंसा से जुड़े कई और तथ्यों और सबूतों को हाईटेक तरीके से बनाए गए एनिमेशन के जरिए दिखाया। इस तरह की आरोप पत्र इसलिए तैयार की गई ,जिससे उस हिंसा के वक्त इलाके में हुई आगजनी, तोड़-फोड़ और उग्र हिंसा को अंजाम दिए जाने की घटना को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
अदालत में मौजूद स्पेशल सेल के अधिकारियों ने इस आरोप पत्र के तहत वीडियो एनिमेशन को दिखाते हुए कहा कि चांदबाग, खजूरी खास, सोनिया विहार भजनपुरा समेत अन्य इलाकों में उग्र हिंसा को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग की गई थी, इसके लिए साजिश का खौफनाक प्लान तैयार किया गया था।
इसी हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस डीसीपी पद पर कार्यरत तत्कालीन शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा सहित कई अन्य पुलिस अधिकारियों और जवानों पर उपद्रवियों ने हमला किया था।
इसके साथ ही हंगामा करने वालों द्वारा आगजनी, हत्या, तोड़-फोड़ करने से पहले कई स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया था। सीसीटीवी कैमरे की टूट जाने से उन आरोपियों की कोई पहचान नहीं की जा सकी।
गौरतलब हो कि स्पेशल सेल ने इस मामले में आधुनिक उपकरणों, गवाहों के बयान को आधार बनाते हुए इस मामले की तफ्तीश की और तमाम आरोपियों के बारे में विस्तार से जांच की ।
जिसे ही इस हाईटेक चार्जशीट के माध्यम से कोर्ट के समक्ष पेश किया गया । दिल्ली पुलिस का दावा है कि स्पेशल सेल की टीम ने इस आरोप पत्र को काफी सर्तकता और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया ।
अदालत को एनिमेशन के माध्यम से बताया कि यह पहले से ही सोची समझी साजिश थी। खुलासा किया गया कि कई आरोपियों ने कई राउंड की आपसी बैठक और मोबाइल फोन पर प्लान बनाकर इस हिंसा को एक साजिश के तहत अंजाम दिया था।
इस मामले में कई दर्जन हिंसा के आरोपियों के साथ-साथ कुछ 18 ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिनके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम ) अधिनियम यानि यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस का कहना है कि एनिमेशन वीडियो के मार्फत दिखाया गया कि हिंसा के प्रमुख लोकेशन चांदबाग में कहां-कहां सीसीटीवी लगे हुए थे। आरोपियों ने पहले उन्हें कैसे तोड़ा और इसके बाद उसी इलाके में जमकर हिंसा को अंजाम दिया। एनिमेटेड आरोप पत्र में बताया गया कि उग्र हिंसा को अंजाम देने के वक्त करीब दो दर्जन से ज्यादा सीसीटीवी को कपड़ों से ढक दिया गया।
साजिश को अंजाम देने वाले आरोपियों के बारे ये भी बताया कि इस कार्य के लिए एक प्लान के तहत कई जगह नाबालिग लड़कों का प्रयोग किया गया, जिससे उनके खिलाफ बहुत ज्यादा कानूनी कार्रवाई नहीं हो सके।
एनिमेशन वीडियो के माध्यम से दिल्ली पुलिस के हवलदार रतन लाल की हत्या को अंजाम देने के मामले का भी फिल्मांकन कोर्ट के समक्ष रखा गया। उधर,दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत 12 मार्च तक बढ़ा दी गई है।
एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने शरजील इमाम के वकील और जांच अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट और दूसरे दस्तावेजों के लिए फॉरेंसिक लेबोरेटरी रोहिणी के अधिकारियों के साथ समन्वय करें। कोर्ट ने फॉरेंसिक लेबोरेटरी, रोहिणी को निर्देश दिया कि वे हार्ड ड्राईव खोलने में मदद करें
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