Archana Kumari. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कश्मीरी पंडितों की आवाज को दबाना चाहता है । अक्सर न्यूज़ चैनलों पर कश्मीरी पंडितों की आवाज बुलंद करने वाले सुशील पंडित की हत्या की साजिश रची गई लेकिन सुपारी किलर उनकी हत्या कर पाते, उससे पहले ही उन्हें दबोच लिया गया ।
पुलिस सूत्रों की माने तो हत्या के लिए जो पिस्तौल पाकिस्तान से आई थी, उसकी मैगजीन ठीक से नहीं लग पा रही थी तब इन्होंने फिर से अपने आकाओं से संपर्क किया वहां से जवाब आया कि आप गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन पहुंचे।
वहां पर आपको दूसरे हथियार मुहैया कराए जाएंगे लेकिन दिल्ली पुलिस ने दो आरोपियों को दबोच कर इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया। अब आगे कि मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी और दोनों आरोपियों को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर ले लिया गया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता सुशील पंडित की हत्या करने दिल्ली आए दो सुपारी किलर्स को गिरफ्तार किया गया। आर के पुरम पुलिस ने इन दोनों बदमाशों को वेंकटेश्वर मार्ग से गिरफ्तार किया गया ।
पुलिस के मुताबिक ऐक्टिविस्ट सुशील पंडित कश्मीर के मुद्दों पर अपनी बात रखते है और अक्सर न्यूज़ चैनलों पर देखे जाते हैं। दक्षिण पश्चिम जिला की पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह का कहना है दो बदमाशों के आरके पुरम में आने की जानकारी मिली थी।
इतना ही नहीं पुलिस को पता चला कि दोनों सुपारी किलर्स के पास हथियार भी हैं । इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस टीम का नेतृत्व थाना प्रभारी राजेश शर्मा ने किया और जब इन दोनों बदमाशों की तलाशी ली गई तो इनके पास से दो पिस्तौल, दो देसी कट्टे और चार जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। दोनों आरोपी पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले हैं ।
आरोपियों की पहचान सुखविंदर सिंह (25) व लखन (21) के तौर पर हुई। इनके पास से जो चार पिस्टल बरामद की गई हैं, उनमें दो पाकिस्तान निर्मित हैं। इनसे एक मोबाइल भी मिला है, उसमें सुशील पंडित की फोटो है।
दोनों से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ उन्हें इस हत्या की सुपारी की पंजाब जेल में हत्या के मामले में बंद प्रिंस उर्फ टूटी ने दी थी। प्रिंस लखन का बचपन का दोस्त है।
उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर दोनों को इस काम के बदले दस दस लाख रुपए देने का वादा किया था। पुलिस सूत्रों का कहना है एडवांस के तौर पर उन्हें बीस हजार रुपए दिए भी जा चुके थे।
सुशील पंडित मानवाधिकार कार्यकर्ता और हिव कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ हैं। शुरुआती पूछताछ में इन्होंने हत्या के पीछे प्रिंस का नाम लिया है, लेकिन असल में साजिश के पीछे विदेशी लिंक पाकिस्तान से जुड़ा है।
इनके पास मिले हथियार और शुरुआती खुलासे के आधार पर साजिश और आर्म्स एक्ट का केस आरके पुरम थाने में दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई। इस केस की जांच स्पेशल सेल को ट्रांसफर कर दी गई है, जो अब आरोपियों से पूछताछ कर इस साजिश की परतें खोलने की कोशिश कर रही है।
पता लगाया जा रहा है इन्हें पाकिस्तान निर्मित पिस्टल किसने दी थी। आखिर दोनों सुपारी किलर सुशील पंडित को क्यों मारना चाहते थे। सूत्रों की माने तो एक्टिविस्ट सुशील पंडित को मारने की साजिश पाकिस्तान और दुबई से रची गई और पाकिस्तान में बैठे शख्स ने दुबई में दीपक उर्फ किंग नाम के शख्स से बातचीत की। दीपक उर्फ किंग ने भटिंडा की जेल में बंद प्रिंस को एक्टिविस्ट सुशील पंडित को मारने का कॉन्ट्रैक्ट दिया।
इसके बाद जेल में बंद प्रिंस ने इस हत्या को अंजाम देने के लिए सुखविंदर और लखन को चुना। जेल में बंद प्रिंस हत्या के एक आरोप की सजा काट रहा है और लखन उसका बचपन का दोस्त है। लखन का कहना है कि उसे पैसों की जरूरत थी इसलिए उसने यह काम अपने हाथ में ले लिया।
सुखविंदर फरीदकोट से दिल्ली पहुंचा और दिल्ली में लखन से मिला। लखन पहले से ही दिल्ली में था जबकि सुखविंदर अपने साथ हथियार भी लेकर आया था और यह वही हथियार है जो पाकिस्तान से आए थे। दोनों दिल्ली के होटल में रुके और एक किराए का मकान भी तलाश रहे थे ।
इतना ही नहीं जांच में 2 महिलाओं का नाम भी सामने आया है जबकि आरोपियों की लगातार पाकिस्तान, दुबई, पंजाब और दिल्ली में बातचीत हो रही थी। बातचीत सिग्नल एप्लीकेशन के जरिए हो रही थी इसके बाद इन दोनों कॉन्ट्रैक्ट किलर को एक और मैसेज दिया गया।
वह मैसेज था कि आप लोग कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया की रेकी कर ले। सुशील पंडित की हत्या कब करनी है या आपको बता दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल अब पता करने में लगी है कि आखिरकार सुशील पंडित की हत्या की साजिश रखने के पीछे पाकिस्तान का मकसद क्या था । गौरतलब है कि सुशील पंडित रूट्स इन कश्मीर नाम की संस्था की स्थापना की है और वह कश्मीरी लोगों की आवाज उठाते रहते हैं ।