अर्चना कुमारी। वह पत्रकारिता की आड़ में अपनी मजहबी एजेंडा चलाना बखूबी जानती है लेकिन वह धोखाधड़ी में भी किसी से पीछे नहीं है। ऐसे ही कथित पत्रकार के खिलाफ गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में आईपीसी की धारा 420, 406 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस का कहना है कि राणा अय्यूब के खिलाफ धोखाधड़ी का यह मामला है, जिसका माध्यम ऑनलाइन चैरिटी बताया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से संस्था बनाकर चैरिटी के रूप में फंड लेने और उसका गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। धोखाधड़ी के इस अनोखे मामले में अन्य लोगों का भी नाम शामिल है और जांच में जुटी पुलिस का कहना है कि जानकारी जुटाई जा रही है कि इसमें कितने लोग शामिल है।
इस धोखाधड़ी को लेकर गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ कोविड-19 के मरीजों और कुछ पूर्वी राज्यों में बाढ़ पीड़ितों के लिए कथित तौर पर चंदा जुटाने के संबंध में धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज किया है। उन पर आईटी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। गैर सरकारी संगठन ‘हिंदू आईटी सेल’ के संस्थापक विनोद पांडे की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है।
जांच और सबूत मिलने के बाद ही पुलिस पत्रकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। गौरतलब यह वही महिला है जिस पर पहले लोनी बॉर्डर थाने में भी मुकदमा दर्ज हुआ था। बताया जाता है कि एक बुजुर्ग की दाढ़ी काटे जाने के मामले को बढ़ा चढ़ा कर पेश किए जाने के बाद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप इस कथित महिला पत्रकार पर लगा था।