अर्चना कुमारी। इस्लाम मानने वालो को लगता है एक दिन पूरा विश्व उनके इशारे पर नाचेगा और सारे लोग खुदा के बंदे हो जाएंगे। इसमें दूसरे धर्म से आने वाले काफिर उनके गुलाम होंगे और वो राज के नाम पर बर्बरता का नंगा नाच करेंगे। जो कुछ आतंकियों ने इजरायल में महिलाओं और बच्चो के साथ किया ,यह इनका सिर्फ ट्रेलर भर है।
इनके मंसूबे बेहद खतरनाक है। इजरायल पर हमास के हमले ने फिलस्तीन सिर्फ मोहरा है और उसके पीछे अधिकतर मुस्लिम देश उसका साथ दे रहे है। ऐसा माना जा रहा है हमास को हिजूबुल्लाह और मुस्लिम उग्रपंथियो का भी खुला समर्थन है। हिजबुल्लाह तो साल 2006 में इजराइल के साथ युद्ध लड़ चुका है। इजरायल पर हमास के बाद लेबनान ने भी मोर्टार हमले किए है।
जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने ईरानी समर्थित हिजबुल्लाह मिलिशिया की एक चौकी पर हमला किया। कई लोगो को लगता है यह सिर्फ इजरायल और हमास का युद्ध है लेकिन यह इजरायल विरोधी सभी मुस्लिम गुटों के बीच एक व्यापक संघर्ष है।इस गुट में लेबनान का हिजबुल्लाह शामिल है, जो ईरान द्वारा समर्थित एक सशस्त्र समूह है।
यह गुट पहले भी इजरायल के साथ भिड़ चुका है। इजरायल पर हुए हमले की पूरे मध्य पूर्व में हमास के समर्थन में प्रदर्शन हुए, जबकि ईरान और हिजबुल्लाह ने हमले की सराहना की है।
हिजबुल्लाह ने हमले की सराहना करते हुए हमास से कहा कि बंदूकें और रॉकेट सब आपके साथ है। फलिस्तीनी लड़ाकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बेरुत के बाहरी इलाके में हिजबुल्लाह के गढ़ दहिह में एक कार्यक्रम में वरिष्ठ हिजबुल्लाह अधिकारी हाशम सफीदीन ने कहा, ‘हमारा इतिहास, हमारी बंदूकें और हमारे रॉकेट आपके साथ हैं।
इसी तरह अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने ईरानी और इराकी सरकारों से इजरायल के खिलाफ जंग लड़ने के लिए अपने लड़ाकों को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का अनुरोध किया है ताकि वे फिलिस्तीन में संघर्ष में शामिल हो सकें। बढ़ते हमले को देख इजरायल ने लेबनान सीमा के पास बसे अपने निवासियों को जगह खाली करने के लिए कहा है, क्योंकि यहां सैन्य गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।