अर्चना कुमारी। मोहमद डाएफ वो है जिसकी साजिश ने इजरायल की बेहतर कही जाने मोसाद सुरक्षा को बेनकाब कर दिया।इजरायल पर उसके इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ है।
मोसाद का दावा था की कोई उसकी सुरक्षा व्यवस्था को भेद न पाएगा लेकिन सिर्फ 20 मिनट में गाजा पट्टी से पांच हजार रॉकेट दागे गए और इस हमले की खौफनाक योजना हमास चीफ मोहम्मद डाएफ ने बनाया था। हालांकि अब दोनो देश आमने सामने है। जहां हमास की योजना भीड़ तंत्र के जरिए इजरायल पर नकेल कसना है वहीं टेक्नोलॉजी के बदौलत इजरायल जंग जीतना चाहता है।
दोनो तरफ के हमले में सैकड़ों इजरायली और फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं लेकिन जिस हमास की चर्चा है उसके पीछे दिमाग मोहम्मद डाएफ का है। बेहद क्रूर डायफ हमास के मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर है और उसी के देखरेख में हमास जंग के मैदान में है। हमले के बाद मोहम्मद डाएफ ने कहा है ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म गाजा की 16 साल की नाकेबंदी, इजरायली कब्जे और हाल की घटनाओं की पूरी श्रृंखला का एक तरह का जवाब था।
मोहम्मद डाएफ के बारे में सार्वजनिक तौर पर बहुत कम जानकारी देश दुनिया को उपलब्ध है लेकिन कहा जाता है कि वो बिना लाइम लाइट में रहे एक शेडो फिगर के रूप में काम करना पसंद करता है। हमास के लोग भी उसे कम जानते है लेकिन वह कट्टर ,चालक और पांच वक्त का नवाजी मुस्लिम है। उसे साल 2002 में हमास का मिलिट्री विंग का चीफ बनाया गया और दो दशक में उसने इजरायल की पूरी खुफिया जानकारी एकत्र कर लिया है।
डायफ का जन्म 1960 के दशक के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था और उस वक्त उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी था। उस समय गाजा, मिस्र के नियंत्रण (1948 से 1967 तक) में था। इसके बाद साल 1967 से 2005 के बीच, यह इजरायली शासन के अधीन रहा।
करीब साल 2005 से 2007 तक यहां फिलस्तीन ने शासन किया जबकि 2007 में तख्तापलट करने के बाद इस पर हमास ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। मोहम्मद डायफ के चाचा और पिता ने 1950 के दशक में सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा उसी क्षेत्र में की गई छापामार युद्ध में हिस्सा लिया था, जहां हमास के लड़ाकों ने शनिवार को इजरायल में घुसपैठ की थी।
डायफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और वो रात दिन हमास के लिए सक्रिय है। कमांडर मोहम्मद डाएफ जब 20 साल का था तो उसे फिलस्तीन के पहले इंतिफादा विद्रोह के समय इजरायल की सरकार ने जेल भेज दिया था। उसे आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। साल1996 में हुए एक बम धमाके में 50 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए थे जिसके लिए डायफ को जिम्मेदार बताया गया।