अर्चना कुमारी । कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के बाड़मेर में कुछ लोग धर्म-परिवर्तन करा रहे थे और बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने हिंदू धार्मिक ग्रंथ को जलाकर अपने पैरों से रौंद दिया। हैरत की बात तो यह है कि इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने सड़क पर उतरकर इसका विरोध जताया लेकिन अब तक आरोपी नहीं पकड़े जा सके हैं।
हिंदू संगठन का आरोप है कि विधायक के दबाव में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है लेकिन पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिए जाने का दावा किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामला बाड़मेर जिले के सीमावर्ती बाखासर गांव का है और यहां पर कुछ लोग दो दिन पहले कुछ लोग बौद्ध धर्म अपनाने के नाम पर जन जागरूकता कार्यक्रम करने पहुंचे थे।
दावा किया गया है कि कार्यक्रम के बाद 10 लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया लेकिन आरोप है कि इसके बाद लोगों ने जय भीम के नारे लगाए। इतना ही नहीं इसके अलावा साथ ही हिंदू धार्मिक ग्रंथ को फाड़कर जला दिया और इसके बाद इसके बाद अधजले ग्रंथ को अपने पैरों से रौंदने लगे। इस तरह किसी ने वहां पर इस कृत्य को करते हुए लोगों को नहीं रोका लेकिन वीडियो बनाकर सोशल मीडिया को जरूर डाल दिया।
बताया जाता है कि इसके बाद बाखासर गांव में ग्रामीणों के साथ हिंदूवादी संगठन विरोध प्रदर्शन करने लगे और सड़क पर उतर कर अपना विरोध प्रकट किया।जानकारी के मुताबिक, समता सैनिक दल के अमृत धनदे, भंत कश्यप, आनंद ने बाखासर में बौद्ध धर्म की दीक्षा के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था।
हिंदू संगठन के भूरसिंह राजपुरोहित का कहना है कि भागवत गीता जैसे हिंदू धार्मिक ग्रंथ का अपमान सहन नहीं किया जाएगा और उनका कहना है कि जिला प्रशासन 24 घंटे में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। नहीं तो पूरे राजस्थान में आंदोलन किया जाएगा।
इस तरह की घटना के बाद मामले में बाड़मेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपत सिंह जैतावत ने बताया, दो दिन पहले बाखासर क्षेत्र में अमित धनदे और कश्यप के नेतृत्व में बौद्ध धर्म की दीक्षा का कार्यक्रम था और यह बात सामने आई है कि यहां कुछ लोगों ने हिंदू धार्मिक ग्रंथ की प्रतियां जला दी, पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन उनके अनुसार भागवत गीता जलाने की बात अब तक सामने नहीं आई। उनका कहना है कि पूरे मामले की छानबीन जारी है।
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