किसी भी घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में यदि सबसे अधिक अच्छा या बुरा प्रभाव किसी का पड़ता है तो वह होता है उसका प्रवेश द्वार। क्योंकि एक दिशा के 8 हिस्से होते हैं। तो उन आठों में कुछ ही हिस्से या दिशा क्षेत्र शुभ होते हैं। इन आठ दिशा क्षेत्रों में तो कुछ बहुत ही अशुभ और दुर्घटनकारक होते हैं।
आइये विश्लेषण करते हैं चारों दिशाओं के मुख्य द्वारों के शुभ अशुभ हिस्सों के विषय मे चित्र के माध्यम से। चित्र में E1, W2, N1, S8 का अर्थ है E1-पूर्व का पहला दिशा क्षेत्र,WE का अर्थ हुआ पशिम दिशा क्षेत्र का दूसरा भाग, N1 का अर्थ हुआ उत्तर का पहला हिस्सा और S8 का अर्थ हुआ दक्षिण का आठवां हिस्सा।
पूर्व
E3- बहुत ही शुभ, खूब लाभ, जबरदस्त धनागम तथा लाभ ही लाभ।
E4- ऐसों घरों के लोगों को सरकार/सरकारी अधिकारियों से खूब लाभ होता है। धन प्राप्ति का भी कारक है।
पूर्व दिशा में 8 में से सिर्फ यही 2 क्षेत्र शुभ है। बाकी में यदि आप का में गेट है तो फिर आप स्वयं अनुभव कर सकते हैं। जैसे SE क्षेत्र में फिजूल खर्चे बहुत होंगे और ज्यादातर कन्या संतानें ही पैदा होंगी। इसके अलावा बाकी सभी 5 दिशायें हर तरह से प्रतिकूल ही हैं। सबसे खराब E8 है। यहां का द्वार चोरी, गंभीर दुर्घटनाओं नुकसान खासकर निवेश या शेयर में!
पश्चिम
W3 – खूब विकास एवं साम्पन्नता का कारक,अविश्वसनीय सफलता एवं समृद्धि।
W4- ना लाभ ना हानि,संतुष्ट जीवन।
उपरोक्त के अतिरिक्त शेष 6 जोन बिल्कुल भी शुभ नहीं हैं। जैसे W6 में जबरदस्त डिप्रेशन, W1 में आयु एवं धन की कमी।
उत्तर
N3- पुत्र लाभ,नए नए अवसरों मौकों से धन लाभ,जबरदस्त धन लाभ और लगातार धन की वृद्धि। अर्थात ये सबसे अच्छा क्षेत्र हुआ।
N4- धन के मामले में बहुत ही अच्छा दिशा क्षेत्र। पूर्वजों से तथा आकस्मिक धन लाभ।
N8- खूब सेविंग्स, इस घर वाले लगातार प्रगति करते हैं।
इसके अलावा शेष पांचों क्षेत्र अशुभ ही हैं ! जैसे N1 वाले दुश्मनों से ही परेशान रहेंगे। नए नए दुश्मन पैदा होंगे। जान का खतरा बम रहेगा, दुश्मन हमले करवाएंगे। N2- बुरी नज़र औऱ ईर्ष्या से हानि। N6- घर वालों के व्यवहार विचियर से होंगे। लोग उनसे दूरियां बना लेते हैं। N7- इन घरों की लड़कियां परंपराओं से परे हो जाती हैं। माँ बाप से दूरी और गलत संगत में पड़ सकती हैं तथा ज्यादातर विजातीय विवाह कर लेती हैं जो टूट जाती हैं।
दक्षिण
S2- ऐसे घरों वाले व्यापार से दूर रहें पर मल्टीनेशनल कंपनीज़ में काम करने वालों के लिए जबरदस्त फायदेमंद।
S3-अत्यंत प्रभावशाली होते हैं ऐसे घरों में रहने वाले लोग! सफलता के लिए अच्छा बुरा सब करते हैं और जीवन मे खूब सफल होते हैं।
S4- ऐसे घरों में पुरुष संताने ही ज्यादा जन्म लेती हैं, इंडस्ट्री फैक्ट्रीज में काम करने वालों के लिए खूब अनुकूल।
इन तीन दिशा क्षेत्रों के अलावा शेष अशुभ ही हैं। जैसे S1 क्षेत्र वाले घरों में 14 साल से कम आयु के पुरुष संतानों के बिगड़ने या विकृत व्यवहार करने की संभावनाएं ज्यादा रहती है। ड्रग्स या शराब की लत लग सकती है! माता पिता से कम निभती है। S5- कर्ज से लदा होता है ये घर। कर्ज से छुटकारा ही नहीं मिलता। भवन निवासी अपने विवेक का प्रयोग उचित रूपसे नहीं कर पाते हैं। S6- ऐसे भवन इतने अशुभ होते हैं कि नुकसान और हानियों की वजह से ऐसे भवन बिक तक जाते हैं। S8- जीवन पर खतरा, धन तथा संबंधों की हानि ! ऐसा व्यक्ति अपने खानदान या रिश्तेदारों से पूरी तरह कट जाता है।
ऊपर लिखे विवरण को ऐसे ही आंखें मूंद कर ना माने। अपने आसपास और दूरदराज के भवनों के मुख्य द्वारों को देखें और परीक्षण करें।
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