भारत-नेपाल अंतराष्ट्रीय कन्वेंशन 2018 का आयोजन दिल्ली के गाँधी शांति प्रतिष्ठान में हुआ इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भारत नेपाल के लोगो के बीच मित्रता पर मंथन हुआ। भारत और नेपाल के सम्बन्ध अनादि काल से हैं। दोनों पड़ोसी हैं, दोनों की धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषायी एवं ऐतिहासिक स्थिति में बहुत अधिक समानता है। इसका आयोजन नेपाल इंडिया मिशन द्वारा आयोजित किया गया जिसमें भारत और नेपाल के दिग्गज और विचारक एक मंच पर आए और मित्रता का सन्देश दिया।
इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक नेपाल इंडिया मिशन के संस्थापक नेपाल के मधुरेन्द्र जैसवाल रहे। इस अवसर पर कई दिग्गज विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे इनमें पवन पावन स्वामी दीपांकर जी महाराज, प्रख्यात युवा विचारक हिमाद्रिश सुवन, नेपाल मधेसी पार्टी के उपाध्यक्ष श्री सुरेंद्र जोशी , कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल के महासचिव, नेपाल के कई संसद सदस्य, व नेपाली पत्रकार और विचारक प्रमुख रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम के अध्यक्ष मधुरेन्द्र जैसवाल और उनकी टीम ने सभी विशिष्ट अतिथियों का नेपाल के पारम्परिक विधि विधान से स्वागत किया और कार्यक्रम को औपचारिक रूप से शुरू किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते पवन पवन स्वामी दीपांकर जी महाराज ने कहा कि “नेपाल के बिना हमारे राम अधूरे” वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रख्यात युवा विचारक हिमाद्रिश सुवन ने कहा की “ये बंधन है राम-सीता का, और यही बंधन रामेश्वरम में रहने वालों को खींचकर पशुपतिनाथ तक ले आता है और यही बंधन लुम्बिनी में रहने वालों को बौद्ध-गया ले जाता है।” कुछ दिन पहले ही भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नेपाल में थे और मोदी और ओली ने भारत-नेपाल संबंधों को नई ऊंचाई तक पहुंचाने का फैसला लिया।
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India-Nepal International Convention 2018 was organized in Delhi’s Gandhi Shanti Pratisthan
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