अर्चना कुमारी। इस आतंकी ने अपने देश को बर्बाद करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन पकड़े जाने पर उसे जेल भेज दिया गया । उसे श्री राम नाम से सख्त नफरत है लेकिन वह प्रभु श्री राम के नाम का ही प्रयोग कर अपनी रिहाई का रास्ता खोज रहा है । इस खूंखार आईएसआईएस आतंकी ने आरोप लगाया है कि तिहाड़ जेल में उसकी पिटाई की गई और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने व जाप करने के लिए मजबूर किया गया। आत्मघाती हमलों और सिलसिलेवार धमाकों की योजना बनाने के मामले में पकड़ा गया राशिद जफर ने अदालत में आवेदन दायर किया ।
आरोपी के वकील ने आवेदन में तर्क रखा कि राशिद ने तिहाड़ जेल से फोन के जरिये अपने पिता को घटना की जानकारी दी है। वकील ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि आतंकी के पास फोन कहां से आया और वह कितने दिनों से अवैध तौर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था। आवेदन में कहा गया है कि आरोपी आतंकी से उसके साथ बंद कैदियों ने मारपीट की और ‘जय श्री राम’ जैसे धार्मिक नारे लगाने और जाप के लिए मजबूर किया। आवेदन में मामले की जांच का निर्देश जेल अधिकारियों को देने का आग्रह किया गया है।
गौरतलब है कि हार्डकोर कोर आतंकी राशिद जफर को 2018 में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि आरोपी व उसके साथी राजनेताओं को निशाना बनाने के साथ-साथ दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए आत्मघाती हमलों और सीरियल ब्लास्ट की योजना बना रहे थे।
दिसंबर 2018 में नौ अन्य लोगों के साथ राशिद जफर को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली पुलिस की विशेष सेल और उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते के समन्वय से दिल्ली के जफराबाद, सीलमपुर में छह स्थानों पर और उत्तर प्रदेश में 11 स्थानों जिनमें अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो स्थानों पर छापे मारे थे।
उस समय आरोपियों के कब्जे से स्थानीय रूप से निर्मित रॉकेट लांचर, आत्मघाती हमले के लिए सामग्री और टाइमर के रूप में इस्तेमाल होने वाली 112 अलार्म घड़ियों को बरामद किया गया था। इसके अलावा उनके पास से पोटेशियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर जैसी 25 किलो विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई थी।
आरोप है कि कथित तौर पर रिमोट कंट्रोल कारों और वायरलेस घंटियों को रिमोट नियंत्रित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज को सर्किट में इस्तेमाल करने के लिए भी खरीदा गया था। इसके अलावा स्टील के कंटेनर, बिजली के तार, 91 मोबाइल फोन, 134 सिम कार्ड, 3 लैपटॉप, चाकू, तलवार, आईएसआईएस से जुड़ा साहित्य भी बरामद किया गया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शुरू में ‘हरकत उल हरब ए इस्लाम’ समूह के 16 व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। बाद में साक्ष्यों के आधार पर हिरासत में लिए गए 16 में से 10 को बाद में गिरफ्तार किया गया। इनमें पांच गिरफ्तारी अमरोहा यूपी से और पांच अन्य उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जफराबाद इलाकों से हुई थीं।
इस बीच आतंकी और उसके वकील की ओर से लगाए गए आरोपों का जेल प्रशासन ने खंडन किया। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल का कहना है कि उसने खुद खिड़की से टक्कर मारकर सिर फोड़ा और रिहाई का रास्ता तलाशने के लिए जबरन जय श्री राम नारा लगाए जाने की बात कहीं है। आतंकी द्वारा बनाये गए वीडियो को लेकर भी जांच की जा रही है लेकिन यह समझ में नहीं आता कि तिहाड़ में इतनी सख्ती के बावजूद कोई आतंकी कैसे मोबाइल रख पाता है और उस पर सुरक्षाकर्मियों की नजर क्यों नहीं पड़ती। इस मसले पर अदालत का सुनवाई और फैसला आना बाकी है।