एलिजाबेथ की मौत पर भारत का तमाम मीडिया बार बार दिखाता रहा कि एलिजाबेथ क्या क्या करती थीं, क्या खाती थीं, कैसे सोती थीं भारत के एक महान भूस्तर शास्त्री और इतिहासकार प्रो. बी बी लाल का गत 10 सितंबर को नई दिल्ली में निधन हो गया। उनका जन्म 02 मई 1921 को झांसी में हुआ था । उनकी मृत्यु 100 वर्ष से अधिक आयु में हुई । पर इस बारे में मीडिया, टीवी चैनल्स अथवा दूसरे संचार साधनों में कोई खबर नहीं थी।
रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद आदि को स्कूली किताबों में एक मायथोलोजी बताया गया, राम कृष्ण को काल्पनिक बताया गया, इन सभी को प्रो. बी बी लाल ने झूठा साबित किया था। राम मंदिर जो अभी अयोध्या में बन रहा है उसका मूल कारण बी बी लाल थे जिन्होंने ये साबित किया था कि राम मंदिर नामक देवालय वही था जिसे बाबर ने तोड़ दिया था।
प्रो. बी बी लाल के कारण ही भारत के हिंदुओं की नयी पीढ़ी को पता चला कि रामायण महाभारत कोई काल्पनिक बात नहीं है, सच में घटित हुई घटना थी। बी बी लाल ने ही द्वारिका नगरी पर शोध किया था। उन्होंने ही समुद्र में द्वारिका की शोध करने बाद उसपर और आगे की रिसर्च की थी।
भारत के रामायण और महाभारत काल के अवशेषों को खोज कर उन्होंने ढेरों रिसर्च की थी। उनकी इस सेवा के कारण ही आज हम लोग उन अंग्रेजों और मुगलों के गुलाम लेफ्टिस्ट हिंदुओं के मुंह बन्द करवा पाए हैं जो राम को काल्पनिक साबित करना चाहते थे।
“आर्य लोग बाहर से आए थे” इस थ्योरी को भी झूठा साबित कर दिया था। एक भी टीवी मिडिया या न्यूज पेपर में उनके निधन पर पर्याप्त समाचार नहीं दिखाई दिया। जबकि सब के सब ब्रिटेन की रानी के पीछे पड़े थे।
प्रो. बी बी लाल की एक प्रसिद्ध पुस्तक है : “इंद्रप्रस्थ : द बेकिंग टाइम ऑफ दिल्ली” एक और है….”टाइम्स ऑफ ऋग्वेद एरा पीपल्स” (ऋग्वेद के समय के लोग और व्यवस्था) । पढ़िए कभी इन्हें । खजाना है खजाना और कई सारी पुस्तकें हैं जिसे पढ़ना अपने आप में गौरव की बात है। इतने अच्छे तरीके से उसमें साक्ष्य दिए गए हैं कि पुस्तक को 10 से 20 बार पढ़ने का मन हो जाएगा।
ऐसे अविस्मरणीय व्यक्तित्व को सादर नमन । विनम्र श्रद्धांजलि
साभार: दिनेश जी जैन के फेसबुक वॉल से।