हमें चाहिये ये कानून , सारे मंदिर वापस हों ;
लगभग एक लाख मंदिर हैं , सब हिंदू को वापस हों ।
पूजा का अधिकार हमारा , हम सब इसको ले के रहेंगे ;
हिंदू अब तक सोया हुआ था , अब सारे हुंकार भरेंगें ।
ध्यान से सुन लें अपने सांसद , फौरन ये कानून बनाओ ;
वरना हिंदू ठान चुका है , अबकी चुनाव में इन्हें हराओ ।
हर हिंदू ये मांग उठाये , धरती – आकाश गुंजा देना ;
सारे – मंदिर हमें चाहिये , इससे कम कुछ भी न लेना ।
जो नेता अब्बासी – हिंदू , सही – राह पर आ जायें ;
धर्म – विरोधी कार्य बंद हो , या फिर राजनीति से जायें ।
गंदी – राजनीति भारत की , धर्मनीति अब इसे बनाना ;
जो भी धर्म का काम करेगा , उसे ही अब सत्ता में रहना ।
हिंदू का ब्रह्मास्त्र है “नोटा” , हिंदू शक्ति पहचान गया है ;
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर, निश्चय चुनाव में हार गया है ।
“धर्म-शत्रु” अब न जीतेगा , चाहे जितनी नौटंकी कर ले ;
मंदिर को तुड़वाने वाले , अपनी उल्टी-गिनती गिन ले ।
हिंदू संकट भांप चुका है , भला-बुरा सब जान गया है ;
शत्रु कौन है ? मित्र कौन है ? हिंदू सब पहचान गया है ।
अब्बासी – हिंदू का नकली चेहरा , अब तो नोंचा जायेगा ;
आगामी संसद – चुनाव में , हिंदू ही उसे हरायेगा ।
चाहे जितना त्रिपुंड लगा ले , पूजा का नाटक कर ले ;
अब सच्चाई छुप न सकेगी,जितनी चाहे लफ्फाजी कर ले ।
धर्म की रक्षा हर-हिंदू को , हर-हालत में करनी है ;
धर्म बिना निष्प्राण है सब-कुछ , प्राण की रक्षा करनी है ।
सबसे बड़ी आत्मरक्षा है , दुश्मन पर हमला करना ;
हमलावर ही सदा जीतता, रणनीति बनाकर हमको लड़ना ।
महायुद्ध है लोकतंत्र का , वोट – तंत्र ही हावी है ;
हिंदू का “ब्रह्मास्त्र” है “नोटा”, विजय अवश्यंभावी है ।
सारे ही दल “धर्म-भ्रष्ट” हैं , हिंदू ! “पार्टी-बाजी” छोड़ो ;
केवल “कट्टर-हिंदू” ढूंढो , दल/निर्दल का चक्कर छोड़ो ।
जीते केवल “कट्टर-हिंदू”, वरना सब “नोटा” करना ;
चाहे मुट्ठी-भर ही जीतें , उनसे ही सरकार का बनना ।
“कट्टर-हिंदू” सरकार बनाकर , “हिंदू-राष्ट्र” बनाना है ;
एक – लाख मंदिर लेना है , हमको “रामराज्य” पाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”