अर्चना कुमारी। अमृतपाल को अब तक नहीं पकड़ा जाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी विफलता है लेकिन इस बीच उसके एक सहयोगी जोगा सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया । पुलिस सूत्रों का कहना है कि पकड़े गए आरोपी अमृतपाल को पीलीभीत में छिपने में सहायता प्रदान किया था, इसके बाद उसकी तलाश की जा रही थी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जोगा लुधियाना का निवासी है और वह पीलीभीत में ‘डेरा’ का संचालन करता है। उसे उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह हरियाणा से पंजाब आ रहा था। उन्होंने बताया कि पुलिस उसकी तलाश में थी।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (सीमा रेंज) नरेंद्र भार्गव ने बताया है कि जोगा सिंह अमृतपाल के सीधे संपर्क में था । खुलासा किया गया है जोगा सिंह ने अमृतपालं के ठहरने और वाहन की व्यवस्था की थी। उसने पीलीभीत में उसके ठहरने का इंतजाम किया था और फिर वह पंजाब लौटा।’
इससे पहले पुलिस ने कहा था कि अमृतपालं की मदद करने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो फरार थे। पिछले महीने पुलिस ने इन दोनों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया था। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान होशियारपुर जिले में बाबक गांव के राजदीप और जालंधर जिले के सरबजीतं के तौर पर हुई ,दोनों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जिन्होंने उसे एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
पुलिस ने पिछले महीने अमृतपाल और उसके ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है अलगाववादी अमृतपालं अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और वह 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस की जाल से बच निकला था। वह बार-बार अलग-अलग वाहन का इस्तेमाल कर रहा है और अपना हुलिया बदल रहा है।