गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर रैली के दौरान जबरदस्त हिंसा और तोड़फोड़ हुई । सरकार और पुलिस पर एक्शन नहीं लेने के चलते अंगुलियां उठ रही है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अफवाह फैला कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते थे।
ऐसे लोग उसी दिन इस हिंसा के बाद यह अफवाह फैलाना शुरू कर दिया था कि पुलिस की गोली से एक किसान की मौत हो गई है जबकि उस किसान की मौत तेज रफ्तार ट्रैक्टर चलाने के कारण स्टंट बाजी में हुई थी।
बहरहाल कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे सहित 8 जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ देश में दो अलग-अलग मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से पहला राजद्रोह का मामला उत्तर प्रदेश के गाैतमबुद्ध नगर (नाेएडा) सेक्टर-20 थाने में गुरुवार रात 8 बजे दर्ज हुआ।
इसमें सभी आठों लोगों को 26 जनवरी को लाल किले पर हुए उपद्रव के दौरान सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दंगा भड़काने, हिंसा फैलाने की धाराओं के तहत भी आराेपी बनाया गया है। जबकि दूसरा मामला भोपाल के मिसरोद थाने में दर्ज हुआ है।
इसमें थरूर समेत कई वरिष्ठ पत्रकारों के नाम हैं। इन सभी पर सार्वजनिक शांति भंग करने का आरोप लगा है। यह मामला कैलाश नगर के संजय रघुवंशी की शिकायत पर दर्ज हुआ है। बताया जाता है कि संजय किसान हैं और झूठी अफवाह से वह बेहद दुखी हुए थे।
पुलिस का कहना है कि पूरा मामला यह था कि गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में निकली ट्रैक्टर रेली में एक युवक तेज ट्रैक्टर दौड़ते समय आईटीओ के समीप दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर बैरिकेट्स से जा टकराया, जिससे ट्रैक्टर पलट गई और इस दुर्घटना में युवक की मौत हो गई
लेकिन सोशल मीडिया के जरिए पत्रकार राजदीप सरदेसाई समेत अन्य लोगों ने युवक की पुलिस की गोली लगने से मौत हुई,
ऎसी अफवाह फैलाकर प्रदर्शनकारियों को भड़काने की कोशिश की, इन आरोप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत कई पत्रकारों पर राजद्रोह सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
मरने वाला किसान मूलरूप से गांव डिबडिबा, रुद्रपुर, उत्तराखंड का रहने वाला नवदीप एक माह से भी ज्यादा समय से किसान आंदोलन का हिसा बना हुआ था।
काफी समय पहले उसके पिता की मौत हो गई थी। अब उसकी पत्नी, मां और दादा ही बचे हैं। किसानों का आरोप था कि नवदीप को पुलिस ने गोली मारी। जिसके बाद वह हादसे का शिकार हो गया।
मंगलवार को किसानों ने पुलिस को उसका शव पोस्टमार्टम के लिए उठाने नहीं दिया था। देर शाम को किसान बगैर पोस्टमार्टम के नवदीप का शव डीडीयू मार्ग से सीधे गाजीपुर ले आए थे।
इसके बाद नवदीप के शव को उसके गांव डिबडिबा ले जाया गया। वहां उसका अंतिम संस्कार हुआ। बुधवार सुबह करीब 10.30 बजे गाजीपुर धरना स्थल पर नवदीप के लिए एक श्रद्धांलि सभा का आयोजन किया गया।
श्रद्धांजलि देने के बाद मंच का संचालन भी बंद कर दिया गया। लेकिन नवदीप के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सारी कहानी सामने आ गई और यह खुलासा हुआ कि उसे कोई गोली नहीं मारी गई थी
बल्कि उसकी मौत बेकाबू तरीके से ट्रैक्टर चलाने के कारण अचानक गाड़ी पलटने से हुई थी। आपको बता दें कि इस घटना के बाद राजदीप सरदेसाई एवं शशि थरूर द्वारा किसान की मौत पर किये गये फेक न्यूज़ ट्वीट जबकि राजदीप सरदेसाई इंडिया टुडे से जुड़े हुए हैं,
और ट्विटर के जरिए किसान की मौत की फेक न्यूज़ चलाने के कारण इंडिया टुडे ग्रुप ने उन्हें दो सप्ताह के लिए ऑफ एयर करने का फैसला किया है।
नोएडा में इस मामले के शिकायकर्ता ने 26 जनवरी पर दिल्ली में फैली हिंसा को भड़काने और पुलिस द्वारा एक आंदोलनकारी किसान की हत्या की खबर को ट्वीट करने के मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई,
नैश्नल हेराल्ड ग्रुप की सम्पादकीय सलाहकार मृणाल पाण्डेय और कई पत्रकारों जिनमें जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ , विनोद के जोस के खिलाफ मामला दर्ज कराया है,
अभिजीत मिश्रा नाम के शिकायतकर्ता का कहना है इन नामजद लोगों ने 26 जनवरी को गलत पोस्ट किए गए और दंगा भड़काने की साजिश की गई। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि वह परिवार के साथ सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन में रहते हैं।
उनका आरोप है कि ”26 जनवरी 2021 को जानबूझकर कराए गए गए दंगों से अत्यंद दुखी हूं। इन व्यक्तियों ने पूर्वाग्रह की वजह से ऐसा काम किया जिससे देश की सुरक्षा और जनता का जीवन खतरे में पड़ गया।
एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित दंगा कराने और लोक सेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराए।
इन लोगों ने जानबूझकर गुमराह करने वाले और उकसाने वाली ऐसी खबरें प्रसारित कीं और अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई।
सुनियोजित साजिश के तहत गलत जानकारी प्रसारित की गई कि आंदोलनकारी को पुलिस ने गोली मार दी। यह जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो।