दुनिया में सबसे बड़ा पाप माना जाता है दान का पैसा खाना। वैसे तो वामियों को पाप-पुण्य से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन खुद को मानवीय होने का डंका तो पीटते रहते है। लेकिन इससे बड़ी अमानवीयता क्या हो सकती है कि जिस गरीब माता पिता की मासूम बेटी की रेप के बाद हत्या के मामले को तूल देकर उसके नाम पर लाखों रुपये चंदा इकट्ठा किया गया हो और उसे अपनी अय्याशी पर उडा़ दिया हो। कठुआ रेपकांड के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के नाम पर शेहला रशीदद जैसी वामी एक्टिविस्ट ने लाखों रुपये चंदा इकट्ठा किया। 40.63 लाख रुपये इकट्ठा होने की जानकारी शहला राशिद ने ट्वीट कर बताई। इतना ही नहीं उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से एकत्रित फंड से उन्नाव रेप पीड़िता को मदद करने की डींगे भी भरी थी। लेकिन दूसरों की मदद की तो बात छोड़िए कठुआ कांड के पीड़ित परिवार को केस लड़ने के लिए अपने पशु तक बेचने पड़ रहे हैं।
.@Shehla_Rashid had proudly claimed collections in excess of Rs 40 lakhs within a week for Kathua victim's family but the family says they have been forced to sell their livestock for commuting to Courts. Where is the money? https://t.co/PioKYsuhak via @opindia_com
— VikasSaraswat (@VikasSaraswat) November 1, 2018
शेहला रशीद जैसे वामी एक्टिविस्ट को शर्म तक नहीं आती कि जिस पीड़ित परिवार के नाम पर उसने देश भर से चंदा इकट्ठा किया था उस पैसे से लग्जरी कार में बैठकर कुछ लोग अपना बाल कटवाने जाते हैं जबकि पीड़ित परिवार को जीवन यापन का सहारा रहे अपने पशुओं को बेचकर केस लड़ना पड़ रहा है।
Kathua victim's family had to sell livestock to Travel for court hearing.
People who collected funds in their name travel in luxury cars to go for a haircut pic.twitter.com/cvkCQK3Jom
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 1, 2018
जब पीड़ित परिवार ने चंदा इकट्ठा करने वाली शेहला राशिद से उस फंड का ब्योरा देने को कहा है तो अब वह दाएं-बाएं दिखा रही है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि इकट्ठा किए गए चंदे में से उन्हें एक रुपये तक की मदद नहीं मिली है। इस मामले में केस लड़ने के लिए उन्हें अपने जीवन यापन का आधार अपने पशु भी बेचने पड़े हैं। उन्होंने पूछा है कि उनकी मृतक मासूम बेटी को न्याय दिलाने के नाम पर उगाहे गए पैसे आखिर हैं कहां?
मुख्य बिंदु
* शेहला रशीद ने 40 लाख से अधिक फंड जमा होने पर दानदाताओं को धन्यवाद देते हुए पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये देने का दावा किया था
* लेकिन आज पीड़ित परिवार को अपनी मृतक मासूम बेटी को न्याय दिलाने के लिए उनको अपने पशु बेचकर लड़ना पड़ रहा है केस
इस मामले में जब जेएनयू की इस एक्टिविस्ट शेहला रशीद से पूछा गया तो उन्होंन इस पूरी रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया। जबकि उन्होंने ट्वीट के माध्यम से उस समय में बताया था कि अभी तक इकट्ठा हुए करीब 40 लाख रुपये के फंड में से 10 लाख रुपये तत्काल पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि उस परिवार को आज तक एक पैसा नहीं दिया गया है। शुरू में शेहला ने ये बहाना बनाया कि पीड़ित परिवार का कोई ज्वाइंट खाता और पैन कार्ड नहीं होने की वजह से पैसे देने में देरी हुई। और अब यह दावा करने में जुट गई है कि पीड़ित परिवार ने ऐसी कोई शिकायत की ही नहीं क्योंकि वह उनसे व्यक्तिगत रूप से मिली हैं। अपनी लूट को छिपाने के लिए उन्होंने इस संदर्भ में द ट्रिब्यून में छपी खबर को भी झूठ साबित करने पर तुली है।
URL: Kathua Rape victim’s family caught Shehla Rashid’s fund theft, demanded the full details
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