आईएसडी नेटवर्क। हिन्दी बॉक्स ऑफिस पर मृत दिखाई दे रहे बॉलीवुड को कार्तिक आर्यन ने बैसाखियों का सहारा दे दिया है। केवल दस दिन में कार्तिक की फिल्म भूल-भलैया के दूसरे भाग ने 158 करोड़ से अधिक कलेक्शन कर ट्रेड पंडितों को चौंका दिया है। टॉम क्रूज़ की टॉप गन : मेवैरिक भी भारत में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। आयुष्यमान खुराना की अनेक को दर्शक ही नहीं मिल रहे हैं और कंगना रनौत की धाकड़ का हाल तो और भी बुरा हो चला है।
हिन्दी बॉक्स ऑफिस की ये विशेषता है कि यहाँ किसी भी क्षण एक नया हीरो पटल पर उभर सकता है। कार्तिक आर्यन ने केवल दस दिन के भीतर अपनी मार्केट वेल्यू अक्षय और सलमान के बराबर कर ली है। दर्शकों ने भूल-भुलैया के दूसरे संस्करण को हरी झंडी दे दी है। पहले दिन के कलेक्शन से ही स्पष्ट हो गया था कि फिल्म एक बड़ी सफलता हासिल करने जा रही है।
यदि हिन्दी बॉक्स ऑफिस पर कार्तिक उभर कर आए हैं तो कंगना रनौत जैसी सुपरस्टार का पराभव हो गया है। कंगना की महात्वाकांक्षी एक्शन फिल्म धाकड़ टिकट खिड़की पर पानी भी नहीं मांग सकी। ये फिल्म भूल-भुलैया के साथ प्रदर्शित हुई थी। नब्बे करोड़ की लागत से बनी धाकड़ ने दस दिन में केवल तीन करोड़ का कलेक्शन किया है। कंगना की बॉक्स ऑफिस इमेज भरभराकर गिर पड़ी है।
अनुभव सिन्हा निर्देशित अनेक भी बॉक्स ऑफिस की वैतरणी पार नहीं कर सकी। गत शुक्रवार को प्रदर्शित हुई अनेक ने तीन दिन में तीन करोड़ का कलेक्शन किया है। बॉक्स ऑफिस के किंग समझे जाने वाले आयुष्यमान खुराना के खाते में ये लगातार दूसरी असफलता है। उनकी पिछली फिल्म चंडीगढ़ करे आशिकी भी बुरी तरह पिट गई थी। सुपरस्टार रणवीर सिंह की फिल्म जयेशभाई ज़ोरदार का भी दम निकल गया है।
गत 13 मई को प्रदर्शित हुई इस फिल्म ने अब तक मात्र 17 करोड़ का ही कलेक्शन किया है। टॉम क्रूज़ की टॉप गन : मेवैरिक ने भारत समेत पूरे विश्व में ज़ोरदार ओपनिंग ली है। फिल्म ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 1500 करोड़ का कलेक्शन कर डाला है। भारत में टॉम क्रूज की अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है। तीन दिन में भारत में इस फिल्म ने बारह करोड़ का कलेक्शन किया है।
धाकड़ फिल्म के ट्रेलर ही निराशाजनक था। कंगना को एक्शन करते ही दिखाया गया था। फिल्म की कहानी कुछ समझ में ही नहीं आई। ऐसे में फिल्म देखें तो क्यों? सिर्फ इसलिए की कंगना की फिल्म है। पुराने समय में कोठों पर नाच गाना करने वाली ही फिल्मों में काम करती थी। आज की फिल्मों को देखकर तो यह साफ़ लगता है कि बॉलीवुड एक कोठा बन चुका है। राष्ट्रवाद की बात करने से कोई दूध का धुला नहीं हो सकता। आखिर कंगना भी पैसे लेकर ही फिल्मों में काम करती है। कोई आश्चर्य नहीं की फिल्म पिट गई।