विपुल रेगे। हिन्दू देवी-देवताओं की खिल्ली उड़ाकर प्रसिद्ध हुए स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने रियलिटी शो लॉकअप का पहला सीजन जीत लिया है। विगत दो वर्ष से हिन्दू शेरनी बनी बैठी कंगना ने लॉकअप की होस्टिंग स्वीकार कर एक चौंकाने वाला निर्णय लिया था। खुद को राष्ट्रवादी और हिंदूवादी कहने वाली इस अभिनेत्री का ये निर्णय देश के राष्ट्रवादियों और हिन्दुत्ववादियों पर एक गहरे आघात जैसा था। लॉकअप में कंगना के आने के बाद ये तय हो गया था कि भविष्य में वे राष्ट्रवाद के नाम पर देशवासियों की सहानुभूति तो कभी नहीं पा सकेगी।
संभवतः लॉकअप में होस्ट करने के निर्णय के बाद से ही कंगना के प्रति समर्थन राष्ट्रवादियों में कम होने लगा था। उनके द्वारा ऐसा निर्णय लिए जाने के बाद आम जनता में एक गहरा परसेप्शन बन गया है। अब एकमत से राय बन गई है कि फिल्म कलाकार कभी राष्ट्रवादी नहीं हो सकते। अभिनेता अक्षय कुमार ने भी राष्ट्रवाद का मुखौटा पहनकर बहुत वर्षों तक बॉक्स ऑफिस पर राज किया है।
सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध ह्त्या और बॉलीवुड में ड्रग्स के मामले सामने आने के बाद अक्षय कुमार का संदिग्ध चेहरा भी राष्ट्रवादियों ने देख लिया। वर्तमान में स्थिति ये बन गई है कि अक्षय कुमार केवल भाजपा के प्रिय बनकर रह गए हैं। राष्ट्रवादी तो उन्हें जब अवसर मिले, ट्रोल करने में विश्वास रखते हैं। भविष्य में यही दशा कंगना की होने जा रही है।
देखा जाए तो कंगना का कॅरियर मणिकर्णिका फिल्म के साथ ही समाप्त हो गया था लेकिन राष्ट्रवादियों के समर्थन से उनकी दूकान चलती रही। कंगना दो नावों में सवार हैं। एक तरफ वे बॉलीवुड को साध रही हैं तो दूसरी ओर कड़वे बयान देकर भाजपा का साथ भी ले रखा है। जब भी देश में कोई मुद्दा उठता है तो कंगना जी तेज़-तर्रार बयान दे देती है।
इससे भाजपा खुश हो जाती है और भाजपाई सोशल मीडिया पर कंगना का कवच बन जाते हैं। इस हाथ दे, उस हाथ ले की इस प्रक्रिया में यदि कोई छलाया है तो वह देश का राष्ट्रवादी है, जिसने खुले मन से कंगना को समर्थन दिया था। मुनव्वर फारुकी का जीतना तय था। उनके अलावा शो में कोई बड़ा नाम नहीं था। मुनव्वर को जीत दिलाने के बाद अब कंगना की नई एक्शन फिल्म रिलीज होने जा रही है।
कंगना को आत्मविश्वास है कि समर्थक उनकी फिल्म चला देंगे। मेरे अनुसार तो लॉकअप शो में होस्ट बनकर कंगना ने अपने हाथ पहले ही काट दिए हैं। उनकी आयु 35 वर्ष हो चुकी है। ये आयु एक अभिनेत्री के लिए सेवानिवृति की समझी जाती है। कॅरियर के अंतिम दौर में जब वे एक आदर्श विदाई ले सकती थी, तब उन्होंने पैसों के लिए एकता कपूर का शो करना स्वीकार कर लिया। जब उनकी फिल्म बड़े परदे पर प्रदर्शित होगी, तो उन्हें स्वयं ही पता चल जाएगा कि उन्होंने अपने कॅरियर को ही लॉकअप में बंद कर डाला है।