कॅरियर के अंतिम दौर में कंगना को ‘लॉकअप’ ने डूबा डाला है
कंगना को आत्मविश्वास है कि समर्थक उनकी फिल्म चला देंगे।
कंगना को आत्मविश्वास है कि समर्थक उनकी फिल्म चला देंगे।
अंडरवियर बेचने वाले को दर्शक पृथ्वीराज चौहान के रुप में स्वीकार कर लेते हैं।
विजय मिश्रा का कैमरा संचालन रक्तांचल की सुंदरता बढ़ाता है
‘टेम्पटेशन आइलैंड’ होस्ट करने के बाद कंगना के राष्ट्रवादी समर्थक कम होते चले जाएंगे।
ये बहुत स्ट्रांग विलेन है जो अंतिम समय तक चुनौती बना रहता है।
देश महामारी की दूसरी भयंकर लहर से युद्धरत है तो ऐसी परिस्थिति में रामकथा का आना शुभता लेकर आएगा।
इसे एक पार्टी की पराजय का डाक्यूमेंटेशन कहा जाए या आँखें खोल देने वाला एक बेहतरीन दस्तावेज कहा जाए।
आश्रम का पहला सीजन देखने के बाद ये कहना होगा कि प्रकाश झा ने भी वही काम किया, जो शाहरुख़ खान क्लास ऑफ़ 83 बनाकर कर गए हैं। वास्तविक घटनाओं पर लिखी कहानी में काल्पनिक चरित्र डालकर परदे पर पेश करना अब एक निकृष्ट परंपरा बनती जा रही है।