Movie review : अरविंद केजरीवाल की सच्चाई परखती है ‘पारदर्शिता’
इसे एक पार्टी की पराजय का डाक्यूमेंटेशन कहा जाए या आँखें खोल देने वाला एक बेहतरीन दस्तावेज कहा जाए।
इसे एक पार्टी की पराजय का डाक्यूमेंटेशन कहा जाए या आँखें खोल देने वाला एक बेहतरीन दस्तावेज कहा जाए।
आश्रम का पहला सीजन देखने के बाद ये कहना होगा कि प्रकाश झा ने भी वही काम किया, जो शाहरुख़ खान क्लास ऑफ़ 83 बनाकर कर गए हैं। वास्तविक घटनाओं पर लिखी कहानी में काल्पनिक चरित्र डालकर परदे पर पेश करना अब एक निकृष्ट परंपरा बनती जा रही है।
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