विपुल रेगे। फ़िल्में पसंद करने वाले दर्शकों को विगत एक दशक में महसूस हुआ है कि फिल्म उद्योग की रिपोर्टिंग अब मीडिया के हाथ में नहीं रह गई है। मनोरंजन मीडिया पीआर के इशारे पर पत्रकारिता करने लगा है। फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को लाभ पहुंचाने वाली रिपोर्टिंग हो रही है। टीवी चैनलों और अख़बारों पर पीआर का दुष्प्रभाव दिखने लगा है। इसी पीआर की मदद से तैमूर खान, आराध्या बच्चन, आथिया शेट्टी बिना कुछ करे-धरे लाइम लाइट का हिस्सा बन जाते हैं। फिर जब सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाता है तो उनके माता-पिता मीडिया में आकर बयानबाज़ी करने लगते हैं।
पिछले दिनों आराध्या बच्चन के माता-पिता दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण में पहुंचे। आराध्या के माता-पिता प्रसिद्ध कलाकार हैं और उनकी प्रसिद्धि एक टुकड़ा आराध्या को विरासत में मिल गया है। विरासत में मिली प्रसिद्धि समस्याएं लेकर आती हैं। ये समस्या आराध्या और सुनील शेट्टी की बेटी अथिया को परेशान कर रही है। दिल्ली हाईकोर्ट में आराध्या ने उनके स्वास्थ्य और जीवन से संबंधित फर्जी समाचार की रिपोर्टिंग के लिए यूट्यूब टैब्लॉइड के खिलाफ याचिका दायर कर दी है।
ऐश्वर्या राय की बेटी कोर्ट में याचिका लगाए तो उस खबर को पंख लग जाते हैं और पूरा देश जान जाता है कि आराध्या परेशान हैं। ऐसा ही कुछ सुनील शेट्टी की असफल अभिनेत्री बेटी के साथ हुआ है। शेट्टी की बेटी अथिया ने एक क्रिकेट स्टार से विवाह किया है। वे अपने पति के साथ स्टेडियम में भी देखी जाती हैं। सुनील शेट्टी ने मीडिया में आकर बताया है कि उनकी बेटी को सोशल मीडिया पर गालियां दी जा रही हैं। हालाँकि शेट्टी ने इस बाबत पुलिस में रिपोर्ट नहीं कराई है। आराध्या की तरह उन्हें भी कानून की शरण में चले जाना चाहिए था।
सोशल मीडिया एक बेहद तेज़ दोधारी तलवार की तरह उभर कर आया है। ये तलवार कई बार चलाने वाले को आहत कर देती है। इतिहास में जाए तो पता चलेगा कि आथिया शेट्टी और आराध्या को ख़बरों में बनाने के लिए ‘पीआर’ का सहारा लिया गया था। तैमूर को लोगों के माथे पर लादने के लिए पीआर का सहारा लिया गया था। फिल्म स्टार्स चाहते हैं कि लोग उनकी संतान को नोटिस करें। मीडिया उन सितारों का पीछा करता है जो प्रसिद्ध है, सफल है या किसी कारण से विवाद में है। यदि ये तीन कारण न हो तो मीडिया किसी प्रसिद्ध कलाकार की संतान को प्रचार दिलवाने में कभी रुचि नहीं लेता।
अभी आर.माधवन के बेटे वेदांत ने स्वीमिंग में भारत को पांच स्वर्ण पदक दिलाए। माधवन के बेटे वेदांत को पीआर की बैसाखियों की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अपने हुनर के बल पर अपने लिए समाचारों में सुर्खियां बनाई है। वेदांत को सोशल मीडिया पर ट्रोल नहीं किया जाता। दरअसल वेदांत वह ‘कंटेंट’ नहीं है, जिस पर युट्यूबर्स अपनी भड़ास निकाल सके। पीआर ने उन नेपोकिड्स को प्रसिद्ध बनाने की जगह बनाई है, जिनके अंदर स्वयं की कोई प्रतिभा नहीं है।
भारत में ही ये उलटबांसी देखने को मिल सकती है कि बिना कुछ किये धरे आप चर्चित हो जाए। अथिया शेट्टी का अपना कोई आधार नहीं है। वे पहले अपने पिता के नाम से जानी जाती थीं और अब अपने क्रिकेटर पति के कारण सुर्ख़ियों में रहती हैं। अपनी संतानों को मीडिया के सामने लाने का काम तो इनके अभिभावकों ने ही किया है। अब जबकि अथिया और आराध्या को ट्रोल किया जाने लगा है तो उनके माता-पिता आहत हो रहे हैं। क्या आप भी अपनी संतानों को माधवन की संतान की तरह बड़ा नहीं कर सकते थे।
माधवन के बेटे को प्रसिद्धि के लिए पीआर की आवश्यकता नहीं है और न अपने पिता के नाम की। सुनील शेट्टी, ऐश्वर्या राय बच्चन और माधवन के बीच का बड़ा अंतर यहाँ स्पष्ट रुप से रेखांकित होकर उभर रहा है।