महाराष्ट्र में रेमडेसीवीर इंजेक्शन की जरूरत पूरी करने के लिए देवेंद्र फडणवीस ने अपने मित्र “ब्रुक फार्मा” के उधोगपति से अनुरोध किया था, केंद्र व राज्य से महाराष्ट्र में 60 हजार रेमडेसीवीर इंजेक्शन सप्लाई करने की शर्त पर एक्सपर्ट परमिट दिलवा दिया था ताकि महाराष्ट्र में इस अचानक से उत्पन्न जटिल स्थिति का सामना किया जा सके, लेकिन कल सुबह परमिट मिलने के बाद सप्लाई तो शुरू नहीं हो पाई, बल्कि कल रात्रि 10 बजे के आस पास मुम्बई पुलिस अपने 8-10 शूटरों को लेकर उस उद्योग पति के घर में घुस गई और उसको उठा लाई।
रात भर थाने में रखा और सुबह जब फडनवीश ने थाने में जानकारी की तो बता दी कि कालाबाजारी के इनपुट मिलने के बाद पूछताछ के लिए बुलाया है, हिरासत में नहीं लिया गया। जब फडनवीश ने एक्सपर्ट परमीशन मिलने की बात कही तो थाना प्रमुख ने कहा कि उसको ये संदेश साझा नहीं किया गया।
इसका सीधा मतलब है कि माहराष्ट्र सरकार ने कॉवेक्सिन और कोविशिल्ड के साथ साथ रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी अपने सरकारी तंत्र का उपयोग करके शुरू की है, जो भी महाराष्ट्र में आपूर्ति की कोशिश करेगा उसे सरकार को हिस्सा देना होगा, और जिसने हिस्सा नहीं दिया तो उसके साथ वही होगा जो 100 करोड़/ महीने में टारगेट के बीच में आने वालों का हुआ है। नीचता की सारी सीमाएँ तोड़ दीं हैं महाराष्ट्र की इस वसूली सरकार ने …
नोट:- इस पोस्ट में दिए विचार लेखक के हैं। ISD का इससे सहमत होना आवश्यक नहीं है। (पोस्ट साभार Pankaj Mehra जी)