अर्चना कुमारी। खनन माफियाओं के शिकार हुए डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हरियाणा के हिसार में इस दौरान भारी भीड़ जुटी और वहां मौजूद लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। कनाडा से लौटे उनके बेटे सिद्धार्थ ने मिट्टी दी और बिश्नोई समाज में अंतिम संस्कार को मिट्टी देना कहा जाता है। उनके पैतृक गांव सारंगपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम यात्रा के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज बोले की डीएसपी की हत्या और अवैध खनन की न्यायिक जांच कराई जाएगी और उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया है ।
इस बीच नूह मेवात में स्थानीय पुलिस ने खनन माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए कई ट्रैक्टर, जेसीबी तथा बाइक आदि को जप्त किया है तथा 5 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि डीएसपी के हत्यारे दोनों आरोपियों को 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है। इनमें आरोपी इकरार तथा शब्बीर से हुई पूछताछ में कई खुलासे किए गए हैं और उसके आधार पर हरियाणा पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है ।
इस बीच मृत डीएसपी सुरेंद्र सिंह की बेटी प्रियंका ने हरियाणा पुलिस पर सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि वह बंगलुरु में एसबीआई में मैनेजर हैं और हादसे की जानकारी उसके भाई ने फोन पर दी थी। उसका कहना था कि मौके पर पिता के साथ मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों के साथ कुछ अनहोनी क्यों नहीं हुआ । सिर्फ उनके पिता पर ही हमला क्यों हुआ? उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें पुलिस पर भरोसा है क्योंकि उनके पिता भी पुलिस में ही थे। हरियाणा पुलिस को चाहिए कि पूरे मामले की जड़ तक जाकर तक हकीकत का पर्दाफाश करें।
उधर मृत डीएसपी के भाई अशोक सिंह ने कहा है कि वह अपने परिवार के साथ कुरुक्षेत्र में रहते हैं और घटना के सुबह अपने भाई से बातचीत की थी। उन्होंने आश्चर्य जताया कि डीएसपी रैंक का अधिकारी खुद खनन माफिया में लिप्त लोगों को रोक रहा है और जो अन्य पुलिसकर्मी हैं वे एक तरफ क्यों खड़े थे। गनमैन की क्या ड्यूटी होती है? अगर अधिकारी पर हमला किया जा रहा है तो गनमैन शांत कैसे खड़ा रहा? इस तरह के के कई सवाल हैं, जो हमें शक करने पर मजबूर कर रहे हैं और पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।