Archana Kumari. छत्तीसगढ़ के बीजापुर नक्सली हमले में लापता जवान राकेश्वर सिंह मन्हास नक्सलियों के कब्जे में है और सुरक्षा एजेंसियां इस जवान को छुड़ाने के लिए जद्दोजहद कर रही है । इस बीच नक्सलियों ने दावा किया है, इस हमले में 14 हथियार और दो हज़ार से अधिक कारतूस लूटे गए।
इस बारे में नक्सलियों की दण्डकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प की तरफ से प्रेस नोट जारी कर किया गया जबकि नक्सलियों ने लूटे हुए हथियारों की तस्वीर भी जारी की है ।
छत्तीसगढ़ तथा सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय नक्सलियों ने स्वीकार की लापता जवान राकेश्वर सिंह मनहास उनके कब्जे में है। शनिवार हुए नक्सली हमले को लेकर नक्सलियों ने बयान जारी किया और इस हमले की जिम्मेदारी ली। नक्सलियों का कहना है कि लापता सीआरपीएफ जवान उनके कब्जे में हैं और सरकार मध्यस्थों का ऐलान करें तो जवान को उन्हें सौंप देंगे।
नक्सलियों द्वारा जारी प्रेस नोट में सिर्फ 5 नक्सलियों के मारे जाने की भी पुष्टि की गई जबकि शहीद जवानों के परिवारों के प्रति नक्सलियों ने खेद प्रकट किया। पुलिस सूत्रों का दावा है कि नक्सलियों की तरफ से जारी बयान के बाद मध्यस्थ नियुक्त करने के प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है जबकि इस बारे में जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
इस बीच पता चला है कि नक्सलियों के कब्जे में कैद 35 वर्षीय जवान राकेश्वर सिंह मनहास जम्मू के रहने वाले हैं और उनकी पत्नी मीनू मनहास ने सरकार से उन्हें छुड़ाने की अपील की है। मुठभेड़ के दौरान जो 5 नक्सली मारे गए हैं, उनमें से 4 नक्सलियों के फोटो भी नक्सलियों ने जारी किया। इसमें एक साथी का सिर्फ नाम बताया जबकि अन्य चारों के फोटो भी जारी किए गए ।
बताया गया कि मुठभेड़ में नक्सली नूपो सुरेश, ओड़ी सन्नी, कोवासी बदरू, पद्दम लखमा और माड़वी सुक्का मारा गया और इसमें माड़वी सुक्का का नक्सलियों ने फोटो जारी नहीं किया।
इस प्रकरण पर सीआरपीएफ डीजी कुलदीप सिंह ने कहा है कि एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता हैं और ऐसी खबरें चल रही हैं कि वो नक्सलियों के कब्जे में है लेकिन हम लोगों को इसका कन्फर्मेशन नहीं मिला है। ये बातें उन्हीं के बारे में या किसी और के बारे में इसका पता लगाने के लिए हम लोग उसके लिए ऑपरेशन प्लान कर रहे हैं और नक्सलियों के खात्मे का भी ऑपरेशन जारी है।