नीरज सिन्हा। वैसे बजट मेरा विषय नहीं रहा है और आमतौर पर मैं इसपर कुछ भी लिखने से बचता हूं पर इस बार मन में आया कि ये देखा जाए कि राम राज्य के इस हवा-हवाई माहौल के बीच पसमांदा नरेश ने अपने चहेतों के सर्वांगीण विकास के लिए आम योजनाओं के अलावा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के अन्तर्गत क्या प्रमुख प्रावधान किया है। वर्ष २०२४ – २५ के बजट में आम योजनाओं के अतिरिक्त कथित अल्पसंख्यकों के लिए निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान किये गये है।
१. वर्ष २०२२ – २३ में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का बजट ८३७.६८ करोड़ था जिसे वर्ष २०२३ – २४ में ३७०% बढ़ाकर ३०९७.६० करोड़ कर दिया गया था। हालांकि इस बजट को पुनरीक्षित कर ३७०% की जगह ३११% की बढ़ोत्तरी कर २६०८.९३ करोड़ कर दिया गया था। वर्तमान वित्तीय वर्ष २०२४ – २५ में मंत्रालय के बजट में २२% की वृद्धि कर ३१८३.२४ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
२. नई मंजिल और उस्ताद जैसी बेहद छोटी योजना के लिए २०२२ – २३ के बाद से वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है। ध्यातव्य हो कि इन योजनाओं का सरकार द्वारा वृहद स्तर पर प्रचार किया गया था और इसके लिए राइट विंगर्स के द्वारा कथित हिन्दूवादी सरकार की काफी आलोचना भी किया गया था।
३. कौमी वक्फ बोर्ड तरक्कीयाती स्कीम एवं शहरी वक्फ संपत्ति विकास योजना का बजट गत वर्ष की अपेक्षा १००% बढ़ाकर वर्तमान वित्तीय वर्ष में ८ करोड़ से १६ करोड़ कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि आने वाले समय में वक्फ की संपत्ति में उत्तरोत्तर वृद्धि का लक्ष्य रखा गया होगा।
४. यह एक सोचनीय विषय है कि ऐसा क्या हुआ कि Pre – Matric Scholarship for Minorities के लिए जहां वर्ष २०२२ – २३ में ४३.९५ करोड़ रुपए का प्रावधान था जिसे वर्ष २०२३ – २४ में ९१०% बढ़ाकर ४०० करोड़ रुपए कर दिया गया। हालांकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में १८.५०% की कमी कर ३२६.१६ करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसका कारण शायद यह होगा कि मोदी सरकार ने अत्यधिक जोश में आकर इस मद में जरूरत से बहुत अधिक पैसे का प्रावधान कर दिया पर जमीन पर इस योजना का लाभ उठाने वाले कम लोग मिले होंगे। हालांकि खैराती योजनाओं का लाभ उठाने में अव्वल रहने वाला विशेष समुदाय कैसे इस योजना का शत प्रतिशत लाभ उठा नहीं पाया यह एक शोध का विषय है।
५. बजट के विशेषज्ञ और इस विषय के शोधकर्ताओं के लिए यह बहुत ही दिलचस्प मुद्दा है कि आखिर किस आधार पर Post – Matric Scholarship for Minorities मद में जहां वर्ष २०२२ – २३ में मात्र २९ करोड़ रुपए का प्रावधान था वहीं वर्ष २०२३ – २४ में इसे ३४४८% का अविस्मरणीय उछाल कर पूरे १००० करोड़ का प्रावधान कर दिया गया। संभवतः यह मोदी जी की कोई बड़ी और लंबी सोच का परिणाम होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में १४.५% की वृद्धि कर ११४५.३८ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
६. Merit cum Means Scholarship for Professional and Technical Courses (Under Graduate and Post Graduate) मद वर्ष २०२३ – २०२४ में २५ करोड़ का प्रावधान था जिसे २५% बढ़ाकर वर्तमान वित्तीय वर्ष २०२४ – २५ में ३३.८० करोड़ रुपए कर दिया गया है।
७. Interest Subsidy in Educational loans for Overseas Studies के मद में गत वर्ष २०२३ – २४ में ७ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था जिसे वर्तमान वित्तीय वर्ष २०२४ – २५ में ११८% बढ़ाकर १५.३० करोड़ रुपए कर दिया गया है।
८. उपरोक्त शिक्षा से संबंधित योजनाओं का मकसद मोदी जी के अति महत्वाकांक्षी सोच “एक हाथ में कम्प्यूटर और दूसरे में कुरान” से प्रेरित हो सकता है।
९. पीएम विरासत का संवर्द्धन (पीएम विकास) योजना के अंतर्गत गत वर्ष २०२३ – २४ में किये गये ३२५.८६ करोड़ रुपए के प्रावधान के विरुद्ध वर्तमान वित्तीय वर्ष २०२४ – २५ में ५३% की वृद्धि कर ५०० करोड़ रुपए कर दिया गया है। मोदी जी का अंधभक्त समुदाय बाबर, अकबर, औरंगजेब को कितना भी कोसता रहे पर मोदी जी ने इनकी विरासत के संवर्द्धन के लिए विशेष योजना बनाकर राम राज्य बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया है।
१०. इसी प्रकार प्रधानमंत्री अपने पसमांदा प्रेम को जमीन पर मूर्त रूप देने के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष २०२२ – २३ में २२२.६७ करोड़ रुपए के विरुद्ध वर्ष २०२३ – २४ में १४७% वृद्धि के साथ ५५० करोड़ रुपए कर दिया था। वर्तमान वित्तीय वर्ष में ६५% वृद्धि के साथ इस योजना के लिए ९१०.९० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।