श्वेता पुरोहित। मृगया वैशम्पायनजी कहते हैं – किसी समय वे दोनों वीर हंस और डिम्भक जनार्दन को साथ ले रथ, हाथी और अश्वों द्वारा शिकार खेलने के लिये गये । वन में जाकर वे दोनों वीर अपने पैने बाणों द्वारा सिंहों, व्याघ्रों और वराहों का सब प्रकार से वध करने लगे। सर्पों तथा अन्यान्य हिंसक पशुओं का कुत्तों के साथ रहकर उन दोनों भाइयों ने वध किया।
उस समय शिकार खेलते हुए इधर- उधर दौड़नेवाले क्षत्रियों और व्याधों का यह महान् शब्द सब ओर सुनायी देता था, ‘यह बड़े-बड़े नेत्रोंवाला विशाल वराह आ रहा है। यह सिंह जा रहा है, इसे बाणद्वारा काट डालो। यह दूसरा भैंसा जा रहा है, इसके सींगमें सर्प गूँथ गया है। ये मृग अपने बच्चोंके साथ बाधाका अनुभव करते हुए भाग रहे हैं। यह खरगोशोंका महान् समुदाय भयभीत होकर सर्वत्र भटक रहा है। यह छोटा बच्चा स्तन पी रहा है, इसे नहीं मारना चाहिये, ऐसा करनेमें ही भलाई है। इन सबको कुत्तोंसे घेरकर जीवित ही पकड़ लेना चाहिये’ इत्यादि ।
वीर हंस और डिम्भक दोपहर होते-होते बहुत-से हिंसक पशुओं, व्याघ्रों और सिंहों को मारकर अधिक श्रम के कारण थक गये। वे दोनों बोले- ‘अब शिकार बंद किया जाय, हमें थकावट हो रही है।’ यों कहकर वे पुष्कर सरोवर की ओर चले गये।
सरोवर के तटपर आकर वे दोनों परिश्रम के कारण वहाँ सुखपूर्वक बैठ गये। वह स्थान मुनियों और सिद्धों से सेवित था तथा उस सजल प्रदेश में मंद-मंद वायु इस प्रकार चल रही थी मानो व्यजन डुला रही हो । तदनन्तर परिश्रम से थके हुए सब लोग उस सरोवर में स्नान करके भूख से पीड़ित हुए की भाँति भसीड़ और कमलगट्टा खाने लगे । जनार्दनसहित हंस और डिम्भक भी उस सरोवर के किसी तटका आश्रय लेकर अपना परिश्रम दूर करके बैठे हुए थे । सरोवर के तटपर विश्राम लेकर वे दोनों नरेश वहाँ सुखपूर्वक बैठे ही थे कि उसी समय प्रधान-प्रधान मुनियोंद्वारा उच्चारित उत्तम वेदवाणी उन्हें सुनायी दी।
उन राजकुमारों ने मध्यंदिन सवन के समय सब के साथ सस्वर वेदपाठ सुना। उस समय उस वेदध्वनि को सुनकर वे दोनों नरेश बड़े प्रसन्न हुए और मुनियों द्वारा किये गये उस यज्ञ को देखने की इच्छा करने लगे। तदनन्तर मृगों सहित उस सारी सेना को वहीं ठहराकर स्वयं दो बड़े-बड़े धनुष और कुछ बाण लेकर जनार्दनसहित वे दोनों वीर हंस और डिम्भक पैदल ही उन महर्षि काश्यप के आश्रम में गये, जो जप और होम में तत्पर रहनेवाले मुनियों के साथ वैष्णव सत्रका अनुष्ठान कर रहे थे ।
शेष अगले भाग में…..