बुद्ध, सीता तथा ऑबेंडकर के लिए पंच तीर्थस्थल के साथ ही रामायण सर्किट बनाने के बाद अब मोदी सरकार ने आम लोंगो को ट्रेन से राम सेतु तक ले जाने की पहल की है। यह वही राम सेतु है जिसे सोनिया गांधी की मनमोहनी सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर तोड़ने की ओर कदम बढ़ा दिया था। लेकिन भाजपा के वरिष्ठ सांसद सुब्रमनियन स्वामी ने मनमोहनी सरकार को कोर्ट में पटखनी देकर राम सेतु को टूटने से बचा लिया था। स्वामी ने मोदी सरकार की पहल की सराहना करते हुए अब राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की है। मालूम हो कि मोदी सरकार के रेल मंत्रालय ने धनुषकोटि रेल लाइन को फिर से बनाकर राम सेतु तक ट्रेन चलाने की मंजूरी दे दी है। इस प्रकार रेलवे मंत्रालय ने देश भर के राम भक्तों को उनकी निशानी राम सेतु से जोड़ने का तोहफा दिया है। मालूम हो कि राम सेतु का एक छोड़ धनुषकोटि से ही शुरू होता है जो लंका तक फैला हुआ है।
One thing the Namo govt can immediately do is to recognise Rama Setu as a National Heritage Monument. On my petition SC had issued a Notice which has been pending for years for Govt to reply. This is a good time to do so
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 25, 2018
गौरतलब है कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब तक धनुषकोटि में डुबकी न लगाई जाए पवित्र स्नान को पूरा नहीं माना जाता है। काशी और रामेश्वरम के बाद धनुषकोडी में डुबकी लगाने के बाद ही स्नान पवित्र और पूर्ण माना जाता है। 1964 में आए समुद्री तूफान की वजह से धनुषकोटि रेल लाइन पूरी तरह बह जाने के कारण इसका लिंक रामेश्वरम से पूरी तरह कट गया। इन दोनों की दूरी 18 किलोमीटर है जो पहले रेल लाइन से जुड़ा हुआ था। 1964 में आया उस समुद्री तूफान में एक ट्रेन भी बह गई थी जिसकी वजह से सैकड़ों लोग मारे गए थे।
मोदी सरकार ने इस रेल लाइन को एक बार फिर जोड़कर राम सेतु तक ट्रेन चलाने की मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं रेल मंत्रालय ने 104 वर्ष पूरा कर चुके पम्बन ब्रिज के समानांतर मंडपम से रामेश्वरम तक नया ब्रिज बनाने की भी मंजूरी दे दी है। 250 करोड़ की लागत से बन रहे पम्बन ब्रिज में आधुनिकतम तकनी का उपयोग किया जा रहा है। इस पुल का निर्माण भविष में दो रेल लाइन और इलेक्ट्रिफिकेशन को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। ताकि बाद में इस पर ट्रेन भी चलाया जा सके।
मालूम हो कि पम्बन ब्रिज 104 साल पुराना हो चुका है इसलिए इसके समानांतर या इसे तोड़कर नया पुला बनाना भी जरूरी हो गया था। इस पुल पर पहली बार स्टेनलेस स्टील की पटरियां बिछाई जाएंगी। इस पुल को पहले के पुल से तीन मीटर ज्यादा ऊंचा भी बनाया जाएगा, ताकि हाई टाइड के समय पुल पर पानी न आ सके।
प्वाइंट वाइज समझिए
मोदी सरकार की राम सेतु से जोड़ने की पहल
* धनुषकोटि रेल लाइ को फिर से बनाकर राम सेतु तक ट्रेन चलाएगी मोदी सरकार
* धार्मिक मान्यताओं के कारण भी श्रद्धालुओं के लिए धनुषकोडी का है काफी महत्व
* काशी और रामेश्वरम के बाद धनुषकोटि में डूबकी लगानी होती है काफी जरूरी
* इन तीनों जगह डुबकी लगाने से ही पूर्ण माना जाता है पवित्र स्नान
* 1964 में समुद्री तुफान की वजह से बह गई थी धनुषकोडी रेलवे लाइन
* तब से नहीं जुड़ पाया 18 किलोमीटर दूर रामेश्वरम से कोई भी लिंक
* धनुषकोडी में ही है राम सेतु का पहला छोर जिसका दूसरा छोर श्रीलंका तक जाता है
* ‘मनमोहनी सरकार ने’ हलफनामा दायर कर राम सेतु को तुडवाना शुरू किया था
* लेकिन भाजपा सांसद स्वामी ने कोर्ट में लड़ाई लड़कर बचाया था राम सेतु
* मोदी सरकार से राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की है
URL : Modi Govt take initiative to connecting Ram Setu with common people !
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