हिंदू बच्चियों के शरीर और आत्मा (यह 👇 खबर इसी 28 अगस्त की है।) को नोंचने वाले इन्हीं पाकिस्तानियों को बाढ़ से बचाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री चिंतित हैं
(PM का ट्वीट 👇कल का है।) और उनके चिंतित होते ही पाक को सहायता देने के लिए सरकारी बाबुओं की बैठकें आरंभ हो गई हैं।
काश कूटनीति की समझ के लिए प्रधानमंत्री शुक्र व चाणक्य को पढ़ लेते, लेकिन अफसोस वो गांधी से आगे कुछ पढ़ नहीं पाए!
कभी गांधी भी इसी पाक को 55 करोड़ रुपए दिलाने के लिए अनशन पर बैठे थे और गांधी की कांग्रेस ने भी 2010 में वहां बाढ़ आने पर पाकिस्तान को 2 करोड़ डॉलर की सहायत दी थी! आजतक परिणाम क्या निकला?
पृथ्वीराज चौहान द्वारा मुहम्मद गौरी को बार-बार माफ कर अपने राज्य को नष्ट कराने की कथा को दोहराने के लिए भारत के राजनेता जैसे अभिशप्त हैं!