अर्चना कुमारी। हमास ने इजरायल पर हमला कर दादागिरी की लेकिन गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि तीन सप्ताह से अधिक समय पहले शुरू हुए युद्ध के बाद से 9,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए । इनमे बुजुर्ग,बच्चे तथा महिलाएं शामिल है। मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. अशरफ अल-कुद्रा ने कहा है कि गाजा में लगभग 9,061 लोग मारे गए हैं, जिनमें 3,760 लोग 18 साल से कम उम्र के थे।
इज़राइली पक्ष के करीब 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर लोग हमास द्वारा सात अक्टूबर को इज़राइल के भीतर किए गए भीषण हमले में मारे गए। स्वास्थ्य मंत्रालय हमास द्वारा संचालित सरकार का हिस्सा है, लेकिन इसमें डॉक्टर और लोकसेवक शामिल हैं जो समूह से संबद्ध नहीं हैं। इजराइल की जमीनी सेना लगातार गाजा शहर की ओर बढ रही है, जबकि अमेरिका और अरब देशों ने हमास शासित इलाके की घेराबंदी को कम करने और नागरिकों की मदद के लिए लड़ाई को कम से कम कुछ समय के लिए रोकने के वास्ते राजनयिक प्रयास तेज कर दिए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन ने एक दिन पहले एक मानवीय युद्धविराम का सुझाव दिया। इस बीच, अमेरिका, मिस्र, इज़राइल और कतर के बीच एक स्पष्ट समझौते के रूप में, जो हमास के साथ मध्यस्थता करता है, विदेशी पासपोर्ट वाले सैकड़ों फलस्तीनियों और दर्जनों घायलों को पहली बार गाजा छोड़ने की अनुमति दी गई।
इस दौरान हजारों और लोगों ने गाजा छोड़ दिया। जारी घटनाक्रमों के बीच, जॉर्डन ने इज़राइल से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और इज़राइल के दूत को तब तक देश से बाहर रहने के लिए कहा जब तक कि युद्ध और इससे होने वाली ’मानवीय तबाही’ पर रोक नहीं लग जाती। पच्चीस दिन से जारी लड़ाई में करीब 3,600 से अधिक फलस्तीनी बच्चे मारे गए हैं, और बमबारी के चलते क्षेत्र के लगभग 23 लाख लोग बेघर हो गए हैं और भोजन, पानी तथा ईंधन की काफी कमी हो गई है। तीन सप्ताह तक किए गए भीषण हवाई हमलों के बाद सप्ताहांत में इज़राइली सैनिक बड़ी संख्या में गाजा में दाखिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में तबाही का मंजर है। यहां के लोगो के लिए मुस्लिम समुदाय चितित है लेकिन कोई भी देश इनको पनाह देने को हामी नहीं भरी है।