भीमा कोरेगांव हिंसा तथा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के मामले में दस शहरी नक्सली समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद कई राज खुलने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आतंकवादी संगठन बता रहे थे आज उन्ही का कनेक्शन देश विरोधी नक्सल समर्थक से जुड़ने के अलावा उसकी मदद करने में जुड़ रहा है। यह खुलासा गिरफ्तार नक्सली समर्थकों से बरामद पत्र से हुआ है। इस पत्र में दिग्विजय सिंह को ‘मिस्टर हो’ के रूप में जिक्र किया गया है।’मिस्टर हो’ को दिग्विजय सिंह के रूप में पहचान उनके फोन नंबर से हुआ है। पत्र में जिस फोन नंबर का उल्लेख किया गया है वही नंबर कांग्रेस की आधिकारिक वेबसाइट में दिग्विजय सिंह के नाम के आगे लिखा हुआ है। वैसे तो दिग्विजय सिंह पहले से हिंदू विरोधी होने के साथ देश के अलगाववादियों से लेकर आतंकवादियों तक के समर्थन में बयान देते रहे हैं, लेकिन सबूत के साथ खुलासा पहली बार हुआ है।
मुख्य बिंदु
* कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नक्सल कनेक्शन उजागर, भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार नक्सल समर्थकों से बरामद पत्र से हुआ खुलासा
* गिरफ्तार नक्सल समर्थकों से बरामद पत्र में विरोध के लिए कांग्रेस समर्थन की बात कही गई है, पत्र में दिग्विजय सिंह का फोन नंबर भी है
ये वही दिग्विजय सिंह है जो देश के राष्ट्रवादी संगठन संघ को आतंकवादी बता चुके हैं तथा देश के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद को आदरसूचक शब्द से संबोधित करते रहे हैं। ऐसे लोगों का देश विरोधी नक्सलियों तथा अलगाववादियों या आतंकियों के साथ कनेक्शन का उजागर होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन अब जब नक्सलियों के साथ दिग्विजय सिंह का कनेक्श उजागर हुआ है तो मोदी सरकार को उनके खिलाफ हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रहना चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ एक नक्सली जैसा सुलूक और कार्रवाई करनी चाहिए।
गौरतलब है कि पुणे पुलिस ने हाल ही में भीमा कोरेगांव हिंसा तथा पीएम मोदी की हत्या की साजिश के मामले में सुधा भारद्वाज, वरवर राव, नवलखा एवं गोंजाल्विस जैसे पांच शहरी नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस इससे पहले भी पांच नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस को इनलोगों के पास से कई पत्र और दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन्हीं चिट्ठियों में से एक से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नक्सलियों के साथ कनेक्शन उजागर हुआ है। इस चिट्ठी में बजाबते दिग्विजय सिंह का फोन नंबर भी मिला है। शहरी नक्सली समर्थकों से बरामद पत्र में सरकार के विरोध के लिए हर सहायता उपलब्ध कराने की बात कही गई है। यहां तक की फंड देने तक की भी बात कही गई है।
मालूम हो कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कांग्रेस का नाम पहले से आ रहा है। आरोप है कि माओवादियों के माध्यम से कांग्रेस ही इस हिंसा को अंजाम दिया था। अब जब जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है कांग्रेस की कलई खुलती जा रही है। वैसे भी सत्ता और वोट के लिए देशविरोधियों से हाथ मिलाना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। पुलिस को मिली इस चिट्ठी में दिग्विजय सिंह को एक दोस्त के रूप में संबोधित किया गया है। यह खुलासा द प्रिंट वेबसाइट ने किया है। हालांकि नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार करने वाली पुणे पुलिस का कहना है कि वैसे दिग्विजय सिंह का नाम उनकी जांच के दौरान अभी तक सामने नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि उनकी जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि एक्टिविस्टों और माओवादियों के बीच मजबूत साठगांठ रही है।
जिस पत्र में नक्सलियों के साथ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के कनेक्शन का उजागर हुआ है वह पत्र 25 सितंबर 2017 को कॉमरेड प्रकाश ने कॉमरेड सुरेंद्र को लिखा था। इस पत्र में प्रकाश ने सुरेंद्र को लिखा था कि हमलोगों को राष्ट्रीय स्तर पर विरोध को उग्र रूप देना है। प्रकाश ने लिखा था कि केंद्र सरकार के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों को शामिल किया जाएगा, क्योंकि सरकार छात्रों के प्रति नरम रूख अख्तियार करेगी। ऐसे में हमलोगों के खिलाफ अगर सरकार सख्ती बरतेगी तो इसका खामियाजा सरकार को छात्रों के गुस्सा के रूप में भुगतना पड़ेगा। प्रकाश ने सुरेंद्र को लिखा है कि कांग्रेस के कई नेता हमलोगों को इस प्रक्रिया में मदद करने को आतुर हैं। यहां तक कि कांग्रेसी नेता इस संदर्भ में फंड देने को भी राजी हैं। प्रकाश ने यहां तक लिखा है कि इस तरह के हर अवसर पर कांग्रेस नेता हमलोगों की हर प्रकार से मदद करेगी। प्रकाश ने अपने पत्र एक फोन नंबर 9910230011 उद्धृत करते हुए सुरेंद्र को लिखा है कि इस संदर्भ में आप हमारे दोस्त से संपर्क कर सकते हैं। यही फोन नंबर कांग्रेस के आधिकारिक वेबसाइट में कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के नाम पर उद्धृत है।
इस मामले में दिग्विजय सिंह से पूछने पर उन्होंने जिस कैजुअल तरीके से जवाब दिया है उससे भी स्पष्ट हो जाता है कि उनका कनेक्शन नक्सलियों से पहले से ही रहा है। उनका कहना है कि वह एक पब्लिक फिगर हैं इसलिए उनका नंबर किसी के पास होना सामान्य बात है। अब उस फोन नंबर का कौन कैसे उपयोग करता है उससे मेरा क्या लेना देना। वैसे भी कांग्रेस का नक्सलियो, अलगाववादियों से लेकर आतंकवादियों तक से कनेक्शन होना कोई नई बात नहीं है।
भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद दो जनवरी को गिरफ्तर शहरी नक्सली समर्थक रोमा विल्सन की हुई गिरफ्तारी के बाद उसके लैपटॉप से एक बड़े नक्सली नेता का ईमेल मिला था। उस नक्सली नेता का जिक्र कॉमरेड एम के रूप में किया गया है। इसी कॉमरेड एम की पहचान करने में पुलिस जुटी है। इसी कॉमरेड एम ने अपने ईमेल में दलित आंदोलन की आड़ में देश में अशांति और अस्थिरता फैलाने के लिए कांग्रेस का सहयोग मिलने की बात कही है। रोमा विल्सन को लिखे मेल में कॉमरेड एम ने कहा है कि शहरी नक्सल नेतृत्व कांग्रेस में हमारे कुछ दोस्त के संपर्क में हैं। वे दलित आंदोलन को और भी आक्रामक तथा हिंसक बनाने का सुझाव दे रहे हैं। अपने मेल में उन्होंने रोमा विल्सन को बताया है कि किस तरह माओवादी साथी भीमा करोगांव हिंसा की तरह ही भाजपा शासित राज्यों में दलित आंदोलन खड़ा करने में जुटे हैं।
वैसे भी अपने स्वार्थ के लिए नक्सलियों को मदद देने तथा उसके समर्थन में खड़ा होने की आदत कांग्रेस की पुरानी है। वैसे भी कांग्रेस कभी भी नक्सलियों को देश विरोधी नहीं माना। कांग्रेस हमेशा से उसका पक्ष लेती आ रही है। कारण चाहे सत्ता में आने का हो या फिर किसी राज्य से लोकतांत्रिक सरकार को आघात पहुंचाना हो। तभी तो कांग्रेस का नक्सलियों के बारे में कहना है कि कोई भी नक्सली देश के विरोध में हथियार नहीं उठाता है। वह अपने रोजगार के लिए, या फिर अपनी प्रतिष्ठा और स्वाभिमान को बचाने के लिए ही हथियार उठाता है। नक्सलियों को बेहतर भोजन और अच्छे कपड़े के लिए वाध्य होकर हथियार उठाना पड़ता है। वे शौक से हथियार नहीं उठाते हैं। कांग्रेस की यह दोगली नीति हमेशा से रही है। उसे कभी भी देश की आंतरिक सुरक्षा की चिंता रही ही नहीं। तभी तो जब समय आया नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई कर दो और जब सत्ता में आने की बात सामने आए तो फिर उसे अपना हितैषी बना लो। इसलिए अगर नक्सल समस्य़ा कांग्रेस की देन कहें तो कोई गलत नहीं होगा।
URL: ‘Mr Ho’, who called RSS a terrorist organization is a pro-Naxal supporter
Keywords: NDA, UPA, Urban Naxal, digvijay singh, congress conspircy, rss, एनडीए, यूपीए, शहरी नक्सल, दिग्विजय सिंह, कांग्रेस षड्यंत्र, आरएसएस,