सुरेश चिपलूनकर। संघ प्रचारक गोयल जी अपने लेख में लिखते हैं कि मुसलमानों के साथ जेल में रहने के बाद संघ के कई नेता तो मुसलमानों और इस्लाम के दीवाने हो गए थे। नरेंद्र मोदी की पुस्तक संघर्षमां गुजरात किताब में लिखा है कि रमजान के महीने में संघ कार्यकर्ता रात में २ बजे उठकर जमातियो के लिए खाना बनाते थे…

ये सब तो पहले से ही है लेकिन बहुत समय लग गया इनकी सच्चाई जानने में… किंतु अभी बहुत से लोग इसे सुनना नहीं चाहते न स्वीकारना… मेरे मत से तो अच्छा ही है,न स्वीकारें…क्योंकि जबतक घाव पकेगा नहीं मवाद निकलेगा नहीं तब तक घाव भरेगा नहीं… भट्टा पूरा बैठना चाहिए…
ऐसी ही अन्य कई ख़बरों से ज़ाहिर है कि संघ के लोगों के मुसलमानों से मधुर और गहरे सम्बन्ध हैं… तो फिर वो लोग कौन हैं, जो मुसलमानों के नाम से डराते हैं, उनसे कोई धंधा न करने की सलाह देते हैं… उन्हें देशद्रोही बताते हैं… ऐसे लोगों का पता किया जाना चाहिए… ज़ाहिर है कि ऐसे लोग संघ के तो नहीं हो सकते… रामलाल जी की कसम…