प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 26 मई 2016 को अपना दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। सरकार सफलता को लेकर अपनी बात कह रही है, तो विपक्ष असफलता ढूंढ़-ढूंढ़ कर पेश करने की कोशिश कर रहा है। आम आदमी की दिक्कत यह है कि वह ‘चिराग तले अंधेरे’ को अपने जीवन का आधार बना चुका है! वह अपने जीवन में झांकने की जगह अखबारों और न्यूज चैनलों में झांक कर चीजों को समझने की कोशिश करता है, शायद इसीलिए जो चाहे वो उसे हांक ले जाता है!
मैंने कोशिश की है कि मैं अपनी जिंदगी में झांकू कि आखिर मोदी सरकार के आने के बाद से मेरी अपनी निजी जिंदगी और मेरे परिवार के जीवन में क्या बदलाव आया है। आप एक मतदाता हैं, पोलिंग बूथ तक पहुंच कर आपने मत दिया है इसलिए पहले अपने निजी जीवन में झांकिए! भारतीय अध्यात्मक की यात्रा ही ‘स्व से पर’ की ओर गतिशील है! यदि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है तो तय मानिए देश और दुनिया में भी बदलाव आया होगा! बदलाव को जांचने का सबसे बेहतर तरीका खुद के अंदर झांकना ही है।
मैंने सोनिया गांधी की ‘मनमोहनी सरकार’ को उखाड़ फेंकने के लिए जब पत्रकारिता की नौकरी छोड़ी थी तो कई मुद्दे मेरे दिमाग में थे, जिसने मुझे आहत किया था। इसमें पहला बड़ा मुद्दा ‘हिदू आतंकवाद’, दूसरा मुद्दा भ्रष्टाचार और तीसरा मुद्दा मेरी रोजमर्रा की जिंदगी थी। ‘हिंदू आतंकवाद’ की साजिशों को उजागर करने के लिए मनमोहनी सरकार द्वारा रची गई हर साजिश को मैंने ‘निशाने पर नरेंद्र मोदीः साजिश की कहानी-तथ्यों की जुबानी’ लिखकर उजागर किया। मुझे खुशी है कि मैंने जिन-जिन साजिशकर्ताओं का चेहरा उजागर किया था, उसमें से अधिकांश पर कार्रवाई से लेकर उन्हें जनता के समक्ष बेनकाब करने पर मोदी सरकार काम कर चुकी है! मैं इसके डिटेल में नहीं जाउंगा, लेकिन खुश हूं कि अपने जीवन को दांव पर लगाने का मेरा निर्णय सही साबित हुआ।
भ्रष्टाचार का हमारे-आपके जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है और हमारी रोजमर्रा की जिंदगी कैसे प्रभावित होती है, उसका एक उदाहरण मैं आज आपको देता हूं! मनमोहन सरकार द्वारा रसोई गैस की कीमत 900 रुपए तक पहुंचाने ने मेरी जिंदगी को बेहद प्रभावित किया था। 900 रुपए गैस की कीमत और हर महीने ब्लैक गैस खरीदने में 1200 रुपए के खर्च ने मेरी पूरी आर्थिक दशा बिगाड़ कर रख दी थी। मैं इससे इतना आहत था कि सोचता था, यह सरकार कल गिरे सो आज गिर जाए!
उस जमाने में फेसबुक पर गैस की महंगाई को लेकर अपना गुस्सा भी कई बार जाहिर किया। नईदुनिया अखबार में मेरे राजनीतिक संपादक रहे विनोद अग्निहोत्री जी ने एक दिन मेरे फेसबुक पोस्ट पर कमेंट किया कि ‘संदीप जिस गैस के कारण गुस्सा हो, कहीं ऐसा न हो कि मोदी के प्रधनमंत्री बनने के बाद तुम्हें और आहत होना पड़े, क्योंकि गुजरात में सबसे महंगा गैस है!’ मैं जानता हूं कि वह पक्के कांग्रेसी हैं, इसलिए मैंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और मनमोहन सरकार को उखाड़ने के लिए पुस्तक लिखने से लेकर सोशल मीडिया के द्वारा अपना अभियान चलाता रहा।
मैंने सोचा अधिक से अधिक क्या होगा? मोदी भी ठग कर लेंगे, अभी कौन-सा मनमोहन सिंह हमें राहत दिए हुए हैं? कम से कम ‘हिंदू आतंकवाद’ के जरिए जो हमें आतंकवादी कहा गया है, मोदी के आने के बाद वैसा अपमान तो नहीं होगा न!
विनोद अग्निहोत्री जी या उन जैसे बड़े पत्रकार कहेंगे कि गैस की कीमत कम हुई, इसमें मोदी ने क्या किया? इसमें तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रो पदार्थों की कीमत में आई कमी मुख्य वजह है? हां, वो सही कह रहे हैं, लेकिन मैं इस पर बात ही कहां कर रहा हूं? मैं तो बात कर रहा हूं, हर महीने ‘ब्लैक में गैस’ खरीदने की उस ब्लैक मार्केट की, जिसे मोदी सरकार के एक छोटे-से फैसले ने पूरी तरह से बंद कर दिया! इससे न केवल हमारी हर महीने 1200 रुपए की बचत हुई, बल्कि गैस का काला बाजार भी ठप हो गया!
आपको आश्चर्य होगा कि स्वयं प्रधनमंत्री मोदी या उनके किसी मंत्री द्वारा इस छोटे-से निर्णय की कहीं चर्चा भी नहीं की जा रही है, जिसने मध्य या निम्न मध्य वर्ग को हर महीने के बजट में करीब 1200 रुपए का बचत दिया है! संभव है, स्वयं प्रधनमंत्री को भी इसका फीडबैक अभी तक नहीं मिला हो, या उन्हें यह ज्ञात न हो कि ‘कभी भी गैस बुक कराने’ के उनके एक निर्णय ने आम लोगों के जीवन में कितना बड़ा बदलाव उत्पन्न कर दिया है! आर्थिक बचत से लेकर मारपीट, झगड़ा, बहस, घर के बच्चों के भूखे सोने और गैस की काला बाजारी की पूरी समाप्ति केवल इस एक निर्णय से हुई है!
मोदी या उनकी सरकार- हमने 3 करोड़ गैस कनेक्शन दिया है, हम आगे 5 करोड़ कनेक्शन देंगे, गरीबों को उज्ज्वला योजना का लाभ दिया- वगैरह का प्रचार तो कर रहे हैं, लेकिन उस एक छोटे-से फैसले की चर्चा नहीं कर रहे, जो उन्होंने आते ही लिया था! मनमोहन सरकार के समय आप 21 दिन से पहले गैस बुक ही नहीं कर सकते थे! लेकिन मोदी सरकार ने आते ही इस निर्णय को रद्द कर दिया।
अब देखिए, इस एक छोटे-से निर्णय ने हमारे जैसे लोगों के जीवन में कितना बदलाव ला दिया! आपके जीवन में भी इस कारण बदलाव आया होगा, लेकिन शायद आपने ध्यान नहीं दिया है! मनमोहन सिंह सरकार ने एक नियम बनाया था कि 21 दिन से पहले आप रसोई गैस बुक नहीं कर सकते। कांग्रेस की सरकार ने यह निर्णय गैस के काला बाजारियों को फायदा देने के उद्देश्य से किया था! गैस एजेंसी आपके-हमारे सिलेंडर से गैस निकाला करती थी, जिस कारण गैस का एक सिलेंडर 15 दिन से अधिक चलता ही नहीं था! चूंकि 21 दिन से पहले गैस की बुकिंग होती ही नहीं थी, इसलिए आपको ब्लैक में गैस खरीदना पड़ता था और यह ब्लैक गैस वही एजेंसी और उसके सप्लाई वाले लड़के आपको देते थे! इसके लिए 900 रुपए के सिलेंडर के लिए वो 1200 रुपए प्रति सिलेंडर लेते थे!
मैं कई बार शिकायत करने गया, लेकिन दिल्ली के विकासपुरी स्थित मेरा गैस एजेंसी वाला लड़ाई पर उतर आता था। मैंने एक बार यह भी परिचय दिया कि पत्रकार हूं, आपकी इस काला बजारी की पूरी खबर छाप दूंगा! वह बोला, बड़ा पत्रकार बनता है, जब इस काला बजारी में सभी शामिल है तो तू छाप कर मेरा क्या बिगाड़ लेगा? एक बार मैंने स्थानीय पुलिस की मदद ली, दो-तीन बार गैस एजेंसी वाले मार्केट में ही अपने प्रोपर्टी डीलर मित्र की सहायता ली, लेकिन कब तक दूसरों की सहायता लेता! बाद में हर महीने मैं भी 1200 रुपए देकर काला गैस खरीदने लगा!
चुभता था! लेकिन क्या करता? काला गैस नहीं खरीदूंगा- इस जिद के कारण एक बार मेरे घर में खाना नहीं बना, मेरा बेटा भूखा सो गया! घर के सभी सदस्य भूखे रह गए! आंखों में आंसू आ गया और फिर अपनी ईमानदारी की जिद को मैंने छोड़ कर, काला गैस खरीदने का निर्णय ले लिया! भ्रष्टाचार के लिए और भ्रष्टाचार के आगे मुझे झुकना पड़ा!
मैंने कई बार उस गैस एजेंसी से अपना गैस दूसरी गैस एजेंसी में स्थानांतरित कराने की भी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुआ। चूंकि सभी गैस एजेंसी इस काले धंधे में शामिल थे, इसलिए उनके बीच एक अनकहा समझौता था कि कोई किसी के उपभोक्ता को नहीं तोड़ेगा! आप जानते हैं, आज मोदी सरकार के आने के बाद बिना कहे ही, बिना गैंस एजेंसी जाए ही, मेरा गैस एजेंसी बदल गया है! पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्वतः ही विकासपुरी की जगह मेरे घर के पास की एजेंसी उत्तमनगर में मेरा गैस कनेक्शन ट्रांसफर कर दिया है! और यह गैस एजेंसी एकदम नई खुली है!
मेरा ही नहीं, आप सभी में से जिनका भी गैस एजेंसी घर से दूर था, उसे इस सरकार ने घर के नजदीक वाले गैस एजेंसी में स्थानांतरित कर दिया है। इससे लिए नए-नए गैस एजेंसी खोले गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सुविधा के साथ-साथ कंप्यूटर ऑपरेटर, डिलिवरी ब्वॉय आदि के लिए रोजगार भी बढ़ा है।
एक दिन अचानक मोबाइल पर मैसेज आया कि आपक गैस एजेंसी बदल गया है। अभी तक वहां गैस वाली नीली किताब पर पता और बदला हुआ उपभोक्ता नंबर भी बदलवाने नहीं गया हूं! लेकिन गैस भी आ रहा है, गैस पूरे महीने चलता भी है, कभी कभी तो 35 दिन तक चल जाता है, गैस सिलेंडर आते ही दूसरी गैस सिलेंडर की बुकिंग तुरंत करा देता हूं ताकि यदि सिलेंडर बीच में समाप्त हो जाए तो हमारे पास एक भरा हुआ गैस सिलेंडर हो, जिससे बच्चों को भूखा न सोना पड़े! गैस की कीमत 900 की जगह 550 रुपए हो गए हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण मैं इसका क्रेडिट मोदी सरकार को न भी दूं तो ब्लैक गैस खरीदने में हर महीने मेरा जो 1200 रुपए नाजायज खर्च होता था, वह शुद्ध् बचत तो हो ही गया है! मैं इसे कैसे न मानूं?
जिनके पास अथाह पैसा है या काली कमाई है, उनके लिए 1200 रुपए कम होगा, मेरे लिए हर महीने 1200 रुपए बड़ी रकम है! मैं ध्न्यवाद देता हूं प्रधनमंत्रा नरेंद्र मोदी जी को, जिन्होंने बिना बोले ही हम मध्यवर्ग की इस समस्या को समझा! यही अंतर होता है एक जमीनी प्रधानमंत्री और एक राज्यसभा के चोर गेट से आए-भ्रष्टाचार में डूबे मंत्रीमंडल वाले प्रधानमंत्री के बीच!
और हां, आप सभी अपने अपने शहर, गांव, कस्बे में ध्यान से देखिएगा तो पाइएगा कि सभी गैस एजेंसी वाले, उपभोक्ताओं के लिए सरकारी राशन दुकान चलाने वाले, प्रोपर्टी डीलर, बिल्डर- ये सीधे-सीधे कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं! अपने इन कार्यकर्ताओं को रोजगार देने के लिए आज तक की सभी कांग्रेसी सरकारों ने हर क्षेत्र में काला बाजार खड़ा कर रखा था! इसे तोड़ने के कारण ही गैस हो या प्रोपर्टी, दाम आज गिर रहे हैं! कालेबाजारी दुखी हैं और मेरे जैसे सामान्य नागरिक खुश! थैंक्यू मोदी सरकार!
Note: मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर मैं आपको हर रोज अपने निजी जीवन से जुड़ी एक न एक ऐसी कहानी दूंगा, जिससे पता चलेगा कि किस तरह से इस सरकार ने सचमुच केवल दो साल में अच्छे दिन ला दिए हैं! और हां, आप मेरे मोदी समर्थक होने की वजह से इसे खारिज करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यह परिवर्तन तो आप स्वयं अपने जीवन में भी देख सकते हैं! यह अलग बात है कि राजनीतिक पूर्वग्रह के कारण या तो आप इसे देखना नहीं चाहते या फिर आपकी काली कमाई इतनी अधिक है कि ये छोटी-छोटी बचत, यह छोटे-छोटे कदम आपके जीवन में कोई मायने नहीं रखते! कल पढ़िए मेरे निजी जिंदगी में परिवर्तन की एक दूसरी कहानी….
Note-2 हां, आपमें से जिन लोगों के जीवन में भी मोदी सरकार के कारण बदलाव आया है, वो अपनी तस्वीर और ईमेल आईडी के साथ अपनी कहानी Unicode में 300 शब्दों में मुझे मेरे मेल आईडी- sdeo76@gmail.com पर मेल करें- । #IndiaSpeaksDaily पर इसे नियमित प्रकाशित किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ कहानी को हमारी टीम प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी एक पुस्तक भेंट करेगी…