आईएसडी नेटवर्क। दक्षिण भारत से सनातन के विरुद्ध आए एक कमेंट ने देश में बड़ा विवाद पैदा कर दिया है। सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन बेटे का आपत्तिजनक बयान आने के बाद डीएमके नेता के.राजा ने भी सनातन के विरुद्ध बयानबाज़ी की है। विपक्षी गठबंधन ‘india’ को इस बयानबाजी से नुकसान होता दिखाई दे रहा है। ऐसा संदेश जा रहा है कि तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने सनातन के विरुद्ध नए सिरे से अभियान छेड़ दिया है।
सनातन को लेकर विवाद की शुरुआत तमिलनाडु सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि के बयान से हुई थी। उन्होंने चेन्नई के एक सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान सनातन धर्म की तुलना “डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना” से कर दी थी। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि सनातन धर्म का विरोध नहीं बल्कि इसे ख़त्म कर देना चाहिए। इसके बाद देशभर से उदयनिधि के इस बयान का विरोध शुरु हो गया।
उदयनिधि के विरुद्ध एक के बाद एक एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। पहले दिल्ली और उसके बाद उत्तरप्रदेश में उदयनिधि के विरुद्ध मामले दर्ज किये गए हैं। अब महाराष्ट्र में भी एक मामला दर्ज किया गया है। मुंबई के मीरा रोड पुलिस स्थानक में उदयनिधि के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है। उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके पहले कि डीएमके डेमेज कंट्रोल करती, एक और डीएमके नेता के.राजा ने भी उदयनिधि की लाइन पकड़ ली। उन्होंने हिंदू धर्म को कुष्ठ और एचआईवी बता दिया।
ए. राजा ने बाद में अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने तो सिर्फ डॉ. भीमराव आंबेडकर और पेरियार जैसे विचारकों की बातें ही दोहराई। अब इस विवाद के जरिये सत्तारुढ़ दल अपने चुनावी समीकरण साधने लगा है। सत्तारुढ़ गठबंधन के पास अब डीएमके नेताओं के बयान हैं, जिन्हे वे लगातार भुनाने का प्रयास करेंगे। इस नए विवाद से विपक्षी गठबंधन ‘india’ मुश्किल में आता दिखाई दिया। डीएमके नेताओं के बयान के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना (यूबीटी) और आम आदमी पार्टी ने डीएमके नेता से दूरी बना ली है।
उल्लेखनीय है कि ये सभी दल india गठबंधन के सहयोगी दल हैं। बात बिगड़ती देख तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन को आगे आना पड़ा है। उन्होंने अपने पार्टी के नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें सनातन धर्म पर बहस से बचना चाहिए और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरना चाहिए। विपक्षी गठबंधन की कई पार्टियां इस बयान को एक व्यक्ति का बयान बताते हुए उदयनिधि के बयान से किनारा कर रही है।