
इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायण को फंसाने के मामले में आखिर अंतरराष्ट्रीय साजिश का हो ही गया खुलासा!
इसरो जासूसी केस में फंसाने को लेकर इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण की याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नारायण को दी जाने वाली मुआवजे की राशि दोषी अधिकारियों से वसूलने का आदेश दिया है। इसके अलावा इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण को इसरो जासूसी मामले में फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्त डीके जैन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पैनल का भी गठन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इसरो जासूसी केस में बेवजह ही इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण को गिरफ्तार कर उन्हें प्रताड़ित किया गया।
मुख्य बिंदु
* इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण को इसरो जासूसी केस में फंसाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
* सुप्रीम कोर्ट ने नारायण को दिए मुआवजे की वसूली दोषी अधिकारियों से वसूलने का भी दिया निर्देश
* इसरो वैज्ञानिक नारयण को जासूसी केस में फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ तीन सदस्यी पैनल करेगी जांच
गौरतलब है कि इसरो के बड़े वैज्ञानिक नंबी नारायण को कांग्रेस के शासनकाल झूठे इसरो जासूसी केस में फंसाकर प्रताड़ित किया गया था। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया था। अंतरराष्ट्रीय रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को खुश करने के लिए ऐसा किया गया था। बाद में नारायण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें फंसाने के मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में पूर्व डीजीपी सीबी मैथ्यू, पूर्व एसपी के के जोसुआ तथा एस विजयन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। नांबी का कहना है कि इन्हीं लोगों ने इसरो जासूसी केस की जांच कर उनके करीयर को बर्बाद कर दिया था। राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेगी।
मालूम हो कि इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण ने अपनी याचिका में स्पष्ट रूप से मांग की थी कि उन्हें मुआवजा देने की जरूरत नहीं है। वे तो बस इतना चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे। गौरतलब है कि इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण को इसरो जासूसी मामले में साल 1994 में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन बाद में सीबीआई की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में नारायण के खिलाफ सारे आरोप को गलत और झूठ बताते हुए इस मामले में उन्हें फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी। इसी आधार पर बाद में नारायण ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायण को झूठे जासूसी केस में फंसाकर किया गया था प्रताड़ित, नीचे पढ़ें कैसे?
URL: Nambi Narayan gets ₹ 50 lakh compensation for ISRO Isro Spy Case
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