सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस अमिता राय की खंड पीठ के समक्ष यह मांग की कि सभी जिला अदालतों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रगान को अनिवार्य किया जाए। अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने खंड पीठ से यह मांग की कि जिस तरह माननीय सर्वोच्च अदालत ने देश के सभी सिनेमा घरों में राष्ट्रगान की अनिवार्यता सुनिश्चित की है, उसी तरह देश की सभी अदालतों में प्रत्येक कार्यदिवस पर अदालत आरंभ होने से पूर्व राष्ट्रगान को अनिवार्य किया जाए! अदालत ने महान्यायवादी की सलाह पर अधिवक्ता को निर्देश दिया है कि वह इस अनुरोध को अदालत के समक्ष औेपचारिक तरीके से पेश करें, तभी विचार किया जाएगा!
श्री उपाध्याय ने खंडपीठ से यह आग्रह किया कि संविधान की व्याख्या और संविधान में सुनिश्चित अधिकारों व प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के पास है, अतः अदालत यह सुनिश्चित करे कि संविधान की मान्यताओं को उपयुक्त तरीके से लागू किया जाए। ज्ञात हो कि हाल ही में जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस अमिता राय की खंड पीठ ने ही देश के सभी सिनेमा घरों में सिनेमा शुरु होने से पूर्व राष्ट्रगान की अनिवार्यता का आदेश जारी किया था।
अश्विनी उपाध्याय की मांग पर खंडपीठ ने देश के महान्यायवादी से इस बारे में उनकी सलाह मांगी। महान्यायवादी ने अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा कि इस मांग से संबंधित आवेदन पत्र को वह औपचारिक तरीके से अदालत के समक्ष पेश करें। अदालत ने भी महान्यायवादी से सहमति जताते हुए इसे औपचारिक तरीके से पेश करने को कहा है। अश्विनी उपाध्याय के अनुसार, वह शीघ्र देश के सभी अदालतों में राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने के लिए औपचारिक तरीके से अनुरोध पत्र सर्वोच्च अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
ज्ञात हो कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि देश के सभी सिनेमा हॉल में सिनेमा शुरु होने से पहले राष्ट्रगान गाया जाएगा, जिसमें सभी दर्शकों को राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा रहना अनिवार्य होगा। राष्ट्रगान के समय सिनेमा हॉल का गेट बंद होगा, ताकि राष्ट्रगान के समय बाधा उत्पन्न न हो। राष्ट्रगान की पृष्ठभूमि में उस वक्त सिनेमा के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराना भी अनिवार्य किया गया है।