एनडीटीवी के खिलाफ सीबीआई ने 19 अगस्त 2019 को एक नयी प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय जेम्स राय, उनकी पत्नी राधिका राय, सीईओ विक्रमादित्य चंद्रा, एक निदेशक केवीएल नारायण राव एवं एक अज्ञात नौकरशाह के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इस प्राथमिकी के अनुसार, मई 2004 से मई 2010 के बीच एक अज्ञात नौकरशाह के जरिए एनडीटीवी के प्रमोटरों ने काले धन को सफेद करने का बड़ा खेल किया। इसके लिए प्रणय व राधिका राय ने दुनिया के टैक्स हेवन देशों में 32 फर्जी कंपनियां खड़ी की। इन कंपनियों में कभी कोई काम नहीं हुआ, बल्कि इनका उपयोग केवल धन शोधन करने के लिए किया गया।
यही नहीं अमेरिका के जनरल इलेक्ट्रोनिक कंपनी से लेकर जैफरी इंटरेनेशनल तक के पैसे एफडीआई नियमों को ताक पर रखकर एनडीटीवी के अलग-अलग कंपनियों में लाया गया। प्रणय राय की एक इंटरनेशल कंपनी के जरिए करीब 1 अरब 93 करोड़ 98 लाख 44 हजार 325 रुपये प्रणय राय की भारतीय एनडीटीवी की अलग-अलग कंपनियों में पार्क किए गये। यह सभी काला धन था। लंदन, नीदरलैंड, दुबई, मलेशिया, मॉरिशस टैक्स हैवन देशों के जरिए एनडीटीवी ने काला धन को सफेद करने का नंगा नाच किया।
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