अर्चना कुमारी। देश की राजधानी में गरीब और मजबूर माता-पिता को रूपए पैसे का लालच देकर उनके बच्चों को खरीदकर आगे बेच दिया जाता है । पुलिस का दावा है कि मानव तस्करी करने वाले गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश करते हुए छह महिलाओं को गिरफ्तार किया । इनके पास से पुलिस ने दो नवजात बच्चों को बरामद किया है।
जबकि इस गैंग दो से तीन लाख रुपये में जरूरतमंद लोगों को बच्चे बेच दिया करते थे। खुलासा हुआ है कि यह गैंग अब तक 50 से अधिक नवजातों का सौदा कर चुका है। फिलहाल जिन लोगों को बच्चे बेचे गए हैं, ऐसे 10 लोगों की पहचान कर ली गई हैं। दिल्ली में संचालित इस गैंग की मुखिया फरार है। उसका नाम प्रियंका बताया जाता है।
पुलिस का दावा है कि पकड़ी गई इन महिलाओं की पहचान गगन विहार, साहिबाबाद निवासी प्रिया जैन (26), मंगोलपुरी, दिल्ली निवासी प्रिया, वेस्ट पटेल नगर निवासी काजल, शाहदरा निवासी रेखा उर्फ अंजलि, विश्वास नगर निवासी शिवानी (38) गांव डुंडाहेड़ा, गुरुग्राम निवासी प्रेमवती के रूप में हुई है। दरअसल 17 दिसंबर को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि नवजात बच्चों की तस्करी करने वाला एक गैंग गांधी नगर पुश्ता रोड, श्मशान घाट के पास आने वाला है। इस तरह की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने तीन आरोपियों को धर दबोचा ।
उस समय इनके पास से एक नवजात बच्चा बरामद हुआ। नवजात सात से आठ दिनों का था। बताया जाता है कि तीनों ही महिलाएं नवजात को बेचने के लिए गांधी नगर पहुंची थीं। इस बच्चे का इंतजाम प्रियंका नामक महिला जो गैंग लीडर है, उसने किया था। छानबीन में पता चला कि प्रियंका मंगोलपुरी निवासी प्रिया नामक महिला की बहन है। तीनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अगले दिन तीन अन्य महिलाओं को एक अन्य नवजात के साथ दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि तीनों एक दलाल के जरिये बच्चे का सौदा करने वाली थीं।
पकड़ी गई महिलाओं ने बताया कि सभी बेहद गरीब परिवार से संबंध रखती हैं। उनका कहना था कि इनको पता चला था कि आईवीएफ सेंटर पर गर्भ धारण के लिए अंडे (एग्स) बेचे जाते थे। जिन महिलाओं को सामान्य तरीके बच्चे नहीं होते हैं, उनको आईवीएफ की मदद से प्रजनन कराया जाता है। ऐसी कुछ जरूरतमंद महिलाओं को यह महिलाएं अपने अंडे बेचती हैं।
इसके बदले इनको 20 से 25 हजार रुपये मिलते हैं। छानबीन में पता चला है कि काजल आईवीएफ सेंटर पर गरीब महिलाओं को ले जाकर कमीशन पर अंडे बिकवाती थी। यहां इसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई, जिनको बच्चे हो ही नहीं सकते थे। ऐसे लोगों को बच्चे गोद लेने होते थे। कानूनी प्रकिया के जरिये यह बहुत लंबा प्रोसेस था।
काजल व प्रियंका ऐसे दंपती को बच्चा दिलवाकर उसमें भी मोटा कमीशन कमाते थे। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जेजे कलस्टर व गरीब बस्तियों में काजल व प्रियंका पता लगा लेती थी कि यहां कौन-कौन महिलाएं गर्भवती हैं। ऐसी महिलाओं और उनके पति को बहला-फुसलाकर उन्हें बच्चा बेचने के लिए तैयार किया जाता था।
बदले में एक से डेढ़ लाख दिलवाने का वादा किया जाता था। बाद में या तो खुद या दलाल के जरिये बच्चों का आगे सौदा कर उनको दो से तीन लाख में बेच दिया जाता था। यह सब कुछ पुलिस की नाक के नीचे चल रहा था और पुलिस को कानों कान भनक नहीं थी लेकिन जानकारी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने इस रैकेट का पर्दाफाश कर दिया