अर्चना कुमारी। इजराइल और हमास युद्ध के बीच बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता के सी त्यागी, आरजेडी के मनोज झा सहित कुछ विपक्षी नेताओं के एक समूह ने फलस्तीन की जनता के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए फिलस्तीनी दूतावास का दौरा किया।
अली, अय्यर और त्यागी के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान भी दूतावास का दौरा करने वाले नेताओं में शामिल थे। भट्टाचार्य ने कहा कि वे गाजा में युद्ध और मानवीय संकट के मद्देनजर फलस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए दूतावास गए थे।
गाजा से हमास के चरमपंथियों के इजराइली शहरों पर हमले और उसके बाद यरुशलम से जवाबी कार्रवाई के बाद पश्चिम एशिया में हिंसा बढ गई है। हमास के हमलों का बदला लेने के लिए इजराइल ने गाजा में बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की है। इस संघर्ष में अब तक 2600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी तरह गाजा पट्टी पर इजराइल के हमलों के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए जुटे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। हमास के खिलाफ इजराइल के हमलों को लेकर सोमवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के मामले में कम से कम 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक वामपंथी संगठन ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) समेत विभिन्न संगठनों ने गाजा पट्टी पर इजराइल के हमले कीं निंदा करते हुए प्रदर्शन की योजना बनाई थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘विरोध प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर पर 100 से ज्यादा लोग जमा हुए थे।
प्रदर्शनकारियों को अनुमति नहीं मिली थी, इसलिए उन्हें हिरासत में ले लिया गया। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारी जैसे ही मौके पर पहुंचे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और बसों में बैठाकर वहां से ले जाया गया। बाद में आइसा ने एक विज्ञप्ति जारी कर अपने सदस्यों को छोड़ने की मांग की।