अर्चना कुमारी। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेवं सिंह गोगामेड़ी ने करीब पांच साल पहले लाल चौक, श्रीनगर में तिरंगा फहराया था। उन्हे पाकिस्तान से हत्या की धमकी मिली थी। आशंका है उन्हें आतंकी घटना के तहत मारा गया लेकिन गैंगस्टर रोहित गोदारा के कबूलनामे के बाद इस घटना को गैंग्स वार से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।
इस बीच जांच के लिए बुधवार को विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई। जबकि इस हत्याकांड के विरोध में कई जगह प्रदर्शन हुए। राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस हत्याकांड के बाद राज्य के हालात को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की। इससे पहले राज्यपाल ने बुधवार को पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। सूत्रों ने बताया इस बीच राजपूत समाज के लोगों ने कई जगह प्रदर्शन किया।
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने गोगामेड़ी हत्याकांड की सघन जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी- अपराध) दिनेश एमएन की निगरानी में एसआईटी गठित कर दी है। डीजीपी ने बताया कि गोगामेड़ी हत्याकांड के दोनों अभियुक्तों की पहचान कर ली गई है और तलाशी के लिए अभियान भी चलाया है। एक आरोपी हरियाणा का है और दूसरा राजस्थान का है। इस हत्याकांड के विरोध में राजपूत समाज ने बुधवार को जयपुर ‘बंद’’ की घोषणा की।
श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपालं मकराना ने गोगामेड़ी को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक को हटाने की मांग की। पुलिस ने इस घटना को फिलहाल आतंकी घटना नहीं माना और कहा लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े बदमाशों ने इसे अंजाम दिया लगता है। ज्ञात हो गैंगस्टर रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पोस्ट कर हत्या की जिम्मेदारी ली है।
गोगामेड़ी के समर्थकों ने राजपूत नेता के परिवार के लिए 11 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। इस बीच गोगामेड़ी की हत्या में कथित रूप से शामिल दो लोगों में से एक के परिवार ने बुधवार को कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से उनका आरोपी से कोई संपर्क नहीं हुआ है। आरोपी नितिन फौजी के पिता ने हरियाणा के महेंद्रगढ में कहा, नौ नवंबर को मेरा बेटा महेंद्रगढ में अपनी कार ठीक कराने के लिए गया था। उसी दिन उसने अपनी कार ठीक कराई, लेकिन उस दिन के बाद से उससे कोई संपर्क नहीं हुआ है।
नितिन के एक सहपाठी ने कहा कि नितिन पढाई में बहुत अच्छा था और हम स्कूल में सहपाठी थे।..बाद में उसने सेना में शामिल होने का फैसला किया था। नितिन की एक साल पहले ही शादी हुई थी और वह पढाई में बहुत अच्छा था। पता नहीं किसने उसे बहकाया।