विपुल रेगे। शाहरुख़ खान की पिछली हिट फिल्म सन 2014 में प्रदर्शित हुई हैप्पी न्यू ईयर थी। इसके बाद के आठ वर्ष में किंग खान सफलता के लिए तरसते रहे हैं। शाहरुख़ को लगता है कि यश राज फिल्म्स की पठान से वे पुनः वापसी करेंगे और अपना सिंहासन पा लेंगे। पठान अगले वर्ष प्रदर्शित होने जा रही है लेकिन इसका प्रचार अभी से ही शुरु कर दिया गया है।
दक्षिण भारतीय सिनेमा द्वारा हिन्दी पट्टी अधिग्रहित किये जाने के बाद प्रश्न उठता है कि शाहरुख़ जैसे बुढ़ाते अभिनेता कैसे अल्लू अर्जुन, यश और जूनियर एनटीआर का सामना कर सकेंगे। 2021 के अंतिम माह में जब अल्लू अर्जुन की पुष्पा प्रदर्शित हुई, तब दिखने लगा था कि बॉलीवुड अपने सबसे बड़े संघर्ष की ओर धकेल दिया गया है।
विगत पांच माह से बॉलीवुड एक बड़ी हिट फिल्म के लिए तरस रहा है। इस वर्ष जनवरी में द कश्मीर फाइल्स रिलीज हुई। जनवरी से लेकर अब तक केवल यही हिन्दी फिल्म ब्लॉकबस्टर का दर्जा हासिल कर सकी। गंगूबाई काठियावाड़ी, बच्चन पांडे और गहराइयाँ औंधे मुंह गिरी। जॉन अब्राहम की अटैक, अभिषेक बच्चन की दसवीं, शाहिद कपूर की जर्सी बुरी तरह से फ्लॉप रही।
सिनेरियो बदल चुका है। दक्षिण की फिल्मों की ओपनिंग की बराबरी भी हिन्दी फ़िल्में नहीं कर पा रही है। बॉलीवुड का तथाकथित स्टार सिस्टम भरभरा कर गिर पड़ा है। अब अक्षय कुमार की फिल्म पहले तीन दिन करोड़ों का कलेक्शन नहीं कर पा रही है। अक्षय कुमार के बारे में खबर है कि उनकी स्टार वेल्यू दिन ब दिन गिरती जा रही है। पिछले दिनों उन्होंने अपनी फीस कम कर दी थी लेकिन इसके बावजूद वेल्यू गिरना जारी है।
यश राज फिल्म्स के सर्वेसर्वा आदित्य चोपड़ा अब एक निर्देशक से अधिक चतुर फिल्म निर्माता बन चुके हैं। विगत एक दशक से बॉलीवुड में नई परंपरा चल पड़ी है। अपने माल की पैकिंग चमकदार बनाओ और उसमे माल घटिया भरो। आदित्य चोपड़ा इस काम में माहिर माने जाते हैं। उनकी खुद की फिल्मों के प्रोमो बड़े ही भव्य होते हैं और जब फिल्म आती है तो दर्शक को पता लगता है कि उसे ठग लिया गया है।
सो आदित्य ने पठान का सौदा रिलीज से पहले ही कर दिया है। पठान के डिजिटल अधिकार 200 करोड़ से भी अधिक कीमत में बेच दिए गए हैं। ऐसा कर आदित्य ने व्यावसायिक रुप से खुद को सुरक्षित कर लिया है। यदि फिल्म स्तरीय नहीं निकलती तो घाटा फिल्म वितरकों और डिजिटल मंचों को होगा, आदित्य को नहीं। शाहरुख़ खान तो इस खेल में सबसे अधिक सुरक्षित हैं।
उन्होंने पठान के लिए 100 करोड़ की फीस चार्ज की है। इस हिसाब से शाहरुख़ की फीस के कारण फिल्म ओवरबजट हो गई है। सोशल मीडिया पर अभी से फिल्म का प्रमोशन शुरु कर दिया गया है जबकि रिलीज में एक वर्ष का समय बाकी है। शाहरुख़ खान का क्रेज अब पहले जैसा नहीं रहा है। बॉलीवुड के बहिष्कार की गर्मी अब तक कम नहीं हुई है।
शाहरुख़, सलमान, आमिर और अक्षय कुमार को दर्शक ठुकरा चुका है। ऐसी विपरीत स्थिति में पठान का चल पाना दूर की कौड़ी दिखाई दे रही है। यदि पठान को सिनेमाघरों में इज़्ज़त बचानी है तो कम से कम सौ करोड़ का कलेक्शन करना ही होगा। हालाँकि दक्षिण भारतीय फिल्मों के तूफ़ान में पठान का चार दिन भी चल पाना तय नहीं है।